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समाज कल्याण विभाग की खुली पोल फर्जी प्रबंधक के द्वारा 10 अध्यापकों का 2005 से लगातार निकाला जा रहा है फर्जी वेतन मऊ

मऊ- समाज कल्याण विभाग की कारस्तानी परत दर परत खुल रही है। अभी 82 फर्जी अध्यापकों की नियुक्ति का मामला चल ही रहा था कि रतनपुरा विकास खंड के आदर्श आंबेडकर ग्रामीण विद्यापीठ विद्यालय दिलशादपुर हलधरपुर में एक दशक पूर्व से फर्जी प्रबंधक के सहारे 10 अध्यापकों का लाखों का वेतन निकाला जा रहा है। सन 2005 से लगातार प्रतिमाह लाखों रुपये फर्जी प्रबंधक के हस्ताक्षर से अध्यापकों को निर्गत किए जाते रहे हैं। विद्यालय की हकीकत यह है कि लगभग 50 बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय पर कुल 17 अध्यापकों की फौज है।
आदर्श आंबेडकर ग्रामीण विद्यापीठ विद्यालय दिलशादपुर में व्यापक पैमाने पर अनियमितता का मामला सामने आया है। सन 1981 से 91 तक एक दर्जन अध्यापकों को विभाग द्वारा स्थाई कर दिया गया। विभाग द्वारा 1994 का वेतन 1996 को अध्यापकों के खाते में भेजा गया। इसी दौरान विभाग द्वारा दूसरे प्रबंधक को नियुक्त करते हुए 10 अध्यापकों की नियुक्ति कर दी गई। पूर्व के अध्यापकों का वेतन रोक दिया गया। इस दौरान पहले प्रबंधक सूबेदार राम ने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने विभाग से असली प्रबंधक का जवाब मांगा। प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज ¨सह ने कोर्ट को असली प्रबंधक के रूप में सूबेदार राम का ही नाम बताया। भले ही प्रमुख सचिव ने कोर्ट को असली प्रबंधक की जानकारी दे दी हो परंतु आज तक फर्जी तरीके से चल रहे प्रबंध तंत्र के सहारे 10 अनियमित अध्यापकों का वेतन निर्गत किया जा रहा है।

‘मैंने पिछले माह 10 अक्टूबर को ही यहां ज्वाइन किया है। यह प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है, मैंने तुरंत ही एक्शन लेते हुए उन सभी अध्यापकों के वेतन आहरण पर रोक लगा दी है।

-विनोद यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी, मऊ

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