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कर-करेत्तर मद में 88 प्रतिशत से अधिक रही जनपद की राजस्व प्राप्ति

मुख्य जिला संवादाता दीपक वर्मा की रिपोर्ट    

गोंडा । सोमवार की शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी जे.बी. सिंह ने सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिया कि वादों का निस्तारण दायरा से कम नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों व तहसीलदारों को निर्देश दिया कि राजस्व वसूली की नियमित रूप से अपने स्तर पर समीक्षा करते रहें तथा तहसील के बड़े बकायेदारों से वसूली कार्य का नेतृत्व स्वयं करें। श्री सिंह ने सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देश दिया कि 05 वर्ष से अधिक अवधि के लम्बित वादों के निस्तारण के लिए अभियान संचालित करें। उन्होंने कहा कि किसी भी दशा में दायरा से कम निस्तारण नहीं होना चाहिए। राजस्व वसूली कार्य में तेज़ी लाये जाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी व मुख्य राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने-अपने स्तर पर नियमित रूप से वसूली कार्य की समीक्षा करते रहें तथा तहसीलों का भी निरीक्षण कर वसूली की प्रगति में सुधार लाया जाय। जन समस्याओं के निस्तारण की समीक्षा के दौरान उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि शिकायतों का समय से एवं गुणवत्तापूर्वक निस्तारण सुनिश्चित करायें। आईजीआरएस के माध्यम से प्राप्त निस्तारणों की समीक्षा के दौरान श्री सिंह ने मुख्य राजस्व अधिकारी को निर्देश दिया कि प्रतिदिन आईजीआरएस की लामिन न करने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाय। उन्होंने सभी अधिकारियों को सचेत किया कि डे-बाई-डे शासन स्तर पर इसकी समीक्षा की जाती है, इसलिए आईजीआरएस प्रणाली पर उपलब्ध प्रकरणों के निस्तारण में अनावश्यक विलम्ब न किया जाय।जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को यह भी निर्देश दिया कि 05 वर्ष से अधिक समय से लम्बित वादों को सूचीबद्ध कर अभियान चलाकर निस्तारण किया जाय। इस अवसर पर उन्होंने राजस्व् देयों, फौज़दारी, राजस्व व स्टाम्प वादों के निस्तारण सहित अन्य बिन्दुओं की समीक्षा करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।कर करेत्तर राजस्व प्राप्ति की समीक्षा के दौरान ज्ञात हुआ कि वित्तीय वर्ष 2017-18 अन्तर्गत वाणिज्य कर में लक्ष्य रू. 16779.06 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 6891.86 लाख रही जो कि 41.07, स्टाम्प रजिस्ट्रेशन में लक्ष्य रू. 9730.00 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 7787.16 लाख रही जो कि 80.03, राज्य आबकारी शुल्क में लक्ष्य रू. 13389.00 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 13097.10 लाख रही जो कि 97.82, विद्युत विभाग अन्तर्गत लक्ष्य रू. 11230.00 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 14688.00 लाख रही जो कि 130.79, परिवहन में लक्ष्य रू. 4071.97 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 4198.76 लाख रही जो कि 103.11, परिवहन निगम में लक्ष्य रू. 2899.76 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 2749.27 लाख रही जो कि 94.81, मनोरंजन कर में लक्ष्य रू. 64.00 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 30.36 लाख रही जो कि लक्ष्य का 47.44, स्थानीय निकाय में लक्ष्य रू. 557.78 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 574.65 लाख रही जो कि लक्ष्य का 103.02, नज़ूल भूमि में लक्ष्य रू. 20.00 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 239.08 लाख रही जो कि लक्ष्य का 1195.40 प्रतिशत है। इसी प्रकार वन्य में लक्ष्य रू. 1569.55 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 1932.69 लाख रही जो कि 123.14, अलौह खनन में लक्ष्य रू. 1400.00 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 2310.66 लाख रही जो कि 165.05, बैंक में लक्ष्य रू. 602.85 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 592.86 लाख रही जो कि 98.34, श्रम में लक्ष्य रू. 7.32 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 15.30 लाख रही जो कि 209.02, बाॅट व माप विभाग में में लक्ष्य रू. 76.81 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 82.00 लाख रही जो कि 106.76, मण्डी समिति में लक्ष्य रू. 1063.40 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 1137.28 लाख रही जो कि 106.95, सिंचाई विभाग में लक्ष्य रू. 166.74 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 14.30 लाख रही जो कि 8.58, मुख्य देय में लक्ष्य रू. 8.13 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 8.13 लाख रही जो कि 100.00 तथा विविध देय मद में लक्ष्य रू. 1969.93 लाख के सापेक्ष प्राप्ति रू. 1641.49 लाख रही जो कि लक्ष्य का 83.33 प्रतिशत है। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी, मुख्य राजस्व अधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट, बन्दोबस्त अधिकारी चकबन्दी, नगर मजिस्ट्रेट, प्रभागीय वनाधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारी व तहसीलदार, कर-करेत्तर विभागों से सम्बन्धित अधिकारी तथा कलेक्ट्रेट के पटल सहायकगण मौजूद रहे

 

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