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सौ प्रतिशत सहयोग करने वाले मदरसों व स्कूलों को किया जा रहा है सम्मानित

इकबाल खान
बलरामपुर। खसरा एक जानलेवा व संक्रमण रोग है। यह बच्चों में गंभीर कुपोषण, दस्त, निमोनिया और दिमागी बुखार भी कर सकता है। बुखार, शरीर पर लाल दाने, नाक बहना, आंख आना आदि इस बीमारी के लक्षण हैं। गर्भवती महिला में रूबेला संक्रमण से जन्मे बच्चे में जन्मदोष जैसे अंधापन, बहरापन, मंदबुद्धि और दिल में सुराख जैसी भयंकर बीमारी हो सकती है। इससे बचाव हेतु टीकाकरण जरूरी है। बच्चो को 9 माह से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को एमआर टीका लगना जरूरी है।
यह बातें डा. जयन्त कुमार अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सीएमओ कार्यालय सभागार में बुधवार को मिजिल्स रूबेला अभियान की समीक्षा करते हुए कही। उन्होने कहा कि हमारे जिले में परिवार अपने बच्चों के प्रति काफी जागरूक हैं। तभी तो अभियान के शुरू होने के दो माह के भीतर टीकाकरण लक्ष्य 8 लाख 21 हजार 614 का करीब 93 प्रतिशत पूरा हो चुका है और शीघ्र ही बचे 7 प्रतिशत लक्ष्य को भी पूरा कर लिया जाएगा। अभियान के दौरान सौ प्रतिशत सहयोग कर रहे मदरसों और स्कूलों को जिला प्रशासन सम्मानित भी कर रहा है। अब तक 200 से अधिक स्कूलों को जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश के हस्ताक्षर से युक्त प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जा चुका है और एचीवमेंट पूरा करने पर लगातार स्कूलों व मदरसों को सम्मानित किया जा रहा है। अभियान में डबलूएचओ, यूनीसेफ व यूएनडीपी विशेष सहयोग कर रहा है। बैठक के दौरान विनोद त्रिपाठी जिला वैक्सीन एंड कोल्ड चेन मैनेजर विनोद त्रिपाठी, अरविंद मिश्रा जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
कहां कितना हुआ है टीकाकरण
-बलरामपुर ग्रामीण में 99 प्रतिशत, बलरामपुर शहरी में 96 प्रतिशत, गैण्डास बुजुर्ग में 86 प्रतिशत, गैसड़ी में 98 प्रतिशत, पचपेड़वा में 92 प्रतिशत, रेहरा बाजार में 95 प्रतिशत, श्रीदत्तगंज में 97 प्रतिशत, शिवपुरा में 86 प्रतिशत, तुलसीपुर में 95 प्रतिशत और उतरौला में 86 प्रतिशत सफल मिजिल्स रूबेला का टीकाकरण हो चुका है।
जनिए क्या है मिजिल्स और रूबेला
-मिजिल्स यानि खसरा बच्चों का जानलेवा रोग है। खसरे से ग्रसित बच्चे दस्त और निमोनिया से मर सकते हैं। रूबेला बीमारी से ग्रसित गर्भवती स्त्री के गर्भ में पल रहा बच्चा अन्धा, बहरा व मंदबुद्धि पैदा होता है। उसे दिल में सुराख जैसे भंयकर बीमारी हो सकती है। बच्चे की गर्भ में ही मृत्यु भी हो सकती है।
लाभकारी मिजिल्स रूबेला टीकाकरण जीवन के लिए है वरदान
-खसरा और रूबेला संक्रमण से बचाव के लिए इसका टीका दिया जाता है। टीका लगने के बाद बच्चा गम्भीर बीमारियों से बचा रहता है। खसरा रूबेला टीकाकरण बहुत सुरक्षित और उपयोगी टीका है। दुनिया भर में इस टीके से हर वर्ष करोडों बच्चों की जान बच जाती है।
क्या है मिजिल्स रूबेला अभियान का मकसद
इस अभियान के माध्यम से 9 माह के ऊपर और 15 वर्ष की आयु के सभी बच्चों को एमआर वैक्सीन का एक टीका लगाया जा रहा है। यह टीका बच्चों को स्कूलों, मदरसों और अंगनबाड़ी केन्द्रों में लगाया जा रहा है। निरपेक्ष और पूर्ण प्रतिरक्षा स्थिति और पहले से खसरा व रूबेला संक्रमण से ग्रसित बच्चों को भी यह टीका लगाया जाएगा। कोशिश है कि एक भी बच्चा अभियान के दौरान छूटने ना पाये जिससे इन गम्भीर बीमारियों को जड़ से समाप्त किया जा सके।
यहां लग रहे है मिजिल्स रूबेला के टीके
-यह टीका सरकारी, गैर सरकारी, मान्यता प्राप्त व निजी स्कूलों में, सभी सरकारी अस्पतालों जैसे उप स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सिविल अस्पताल, जिला अस्पताल व आंगनबाड़ी केन्द्रों में निःशुल्क लगाये जा रहे हैं।

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