रिपोर्टर संदीप सक्सेना
बलरामपुर । सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में जाने वाले बच्चों की सेहत के लिए एक अच्छी खबर है। अब इन बच्चों की सेहत का ख्याल रखने के लिए उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का नया ऐप लागू किया गया है। यह एप एक एक बच्चे की सेहत की मॉनिटरिंग में काम आएगा। बलरामपुर में इस ऐप को लेकर 61 आरबीएसके के चिकित्सक व कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। नया ऐप कई खूबियों के साथ फील्ड में जाने वाली मोबाइल मेडिकल टीम के लिए भी काफी सहूलियत भरा है।
शिवेन्द्र मणि जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत जन्म से 19 साल के बच्चों में जन्मजात दोष सहित 38 प्रकार के रोगों के लिए स्वास्थ्य परीक्षण, संदर्भन एवं आवश्यकता अनुसार निःशुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाता है। कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए तैयार स्वास्थ्य टीमें आंगनबाड़ी केंद्रों पर 6 सप्ताह से 6 वर्ष तक के बच्चों को तथा सरकारी अथवा सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के कक्षा 1 से 12 तक के बच्चों में जन्मजात दोष एवं बीमारियों की पहचान करके इलाज के लिए स्वास्थ्य इकाइयों पर भेजना सुनिश्चित कर रही हैं। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जिले में नया ऐप लागू किया गया है।
इस एप के माध्यम से मोबाइल टीम की ओर से चिन्हित उन बाल मरीजों का लगातार सहयोग किया जा सकेगा, जिनको फील्ड से इलाज के लिए रेफर किया गया था। उन्होंने बताया कि इस एप के कारण ना केवल आरबीएसके टीम को माइक्रोप्लान के तहत शत-प्रतिशत पालन करना होगा बल्कि शिक्षा विभाग और जिला कार्यक्रम विभाग को 2 दिन पहले टीम पहुंचने की सूचना मिल जाएगी, जिससे वे लोग भी शत प्रतिशत बच्चों की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे।
आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर शितांशु रजक ने बताया कि नये एप में 38 प्रकार के रोगों का विवरण है। जिले के 09 ब्लॉकों में प्रति ब्लॉक कार्यरत दो मोबाइल टीम जब स्कूल पर बच्चों के सेहत की जांच करेंगी, तो बच्चों में कौन सी गंभीर बीमारी है इसका विवरण ऐप में दर्ज होगा। जिन बच्चों को रेफर किया गया, उनमें से कितने अस्पताल नहीं पहुंचे, यह भी देखा जा सकेगा। इससे फायदा यह होगा कि कोई भी बच्चा छूटने नहीं पाएगा और सभी का फालोअप होगा।
-आरबीएसके के नए ऐप की खासियत
मोबाइल में नेटवर्क ना रहने पर भी आरबीएसके के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अपनी उपस्थिति व आंकड़ों को ऑफलाइन दर्ज कर सकेंगे। जैसे ही टीम नेटवर्क एरिया में आएगी सभी आंकड़े प्रेषित हो जाएंगे। डीएम, सीएमओ, नोडल अधिकारी, बीएसए, डीपीओ, सीएचसी अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, एबीएसए, सीडीपीओ, डीईआईसी मैनेजर और स्टेट के लोग भी कभी भी ऐप से बच्चों के इलाज के लिए गई टीम का डिटेल जान सकेंगे। आरबीएसके टीम को फीड किए गए डेटाबेस के प्रीव्यू व पोस्ट व्यू की सुविधा मिलेगी। फाइनल अपडेशन से पहले अगर कोई गलती हो गई है, तो उसे सुधारा भी जा सकेगा। एप में यह भी ऑप्शन दिया गया है कि अगर मोबाइल टीम की गाड़ी किसी कारणवश नहीं पहुंच पाती है तो नो ऑप्शन पर क्लिक करेंगे, जिससे वैकल्पिक इंतजाम हो सकेगा।