मधुबन(मऊ)-स्थानीय तहसील क्षेत्र में प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान के तहत हर घर शौचालय हो के अभियान को ताख पर रखकर ग्राम प्रधान पर शौचालय वितरण में अपने करीबियों को सिर्फ शौचालय देने का ग्रामीणों ने लगाया आरोप। मामला विकास खण्ड दोहरिघाट के ग्राम सभा करनपुर का है।जहाँ ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर अपने चहेतों को शौचालय आवंटन का लगाया आरोप। गांव के कुछ लोगों ने अपनी पीड़ा को बताते हुए, कहा कि मेरा नाम न छापने की बात कहते हुए कहा कि गांव में ज्यादातर लोगों को प्रधान द्वारा शौचालय वितरण किया जा रहा था। उस मौके पर मैं भी पहुंचा और कहा कि प्रधान जी एक शौचालय हमकों भी चाहिए मेरे घर भी शौचालय नहीं है। हम भी खुले में शौच करतें हैं। ग्राम प्रधान ने वोट का हवाला देते हुए कहा कि वोट तुम हमकों नहीं दिया है।जिसकों वोट दिया है उसी से जाकर अपना शौचालय बनवाले मैं तेरा शौचालय नहीं बनवाने वाला हुं । वहीं कुछ ग्रामीणों ने नाम न छापने की बात कहकर बताया कि हमसे आवास के नाम पर बीस हजार रुपये लिए गये तीन साल हो गए किन्तु अभी तक न आवास मिला, न शौचालय मिला पैसा मांगने पर कहता कि बहुत जल्दी आवास मिल जाएगा।ना तो आवास मिल रहा है नाहीं पैसे मिल रहा है। वहीं मनरेगा में लोगों ने बताया कि जो सबसे गरीब है । उससें तीन मजदूर के बराबर कार्य कराया जाता है और फर्जी लोगों का जो कार्य नहीं करते है। उनकी हाजिरी लगाकर कमिशन में पैसों का बटवारा किया जाता है।लोगों ने बताया कि मेरा खाता बैंक में खुलवाकर धोखे में रखकर एटीएम जारी कराकर मनरेगा वाला पैसा उसी एटीएम से निकाल लिया जाता हैं। पासबुक और एटीएम दोनों रोजगार सेवक अपने पास रखता है मांगने पर कहता है कि कहीं गीर गया है। ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा के रजिस्टर पर जो उपस्थिति हाजिरी लगीं होती है, और कारकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किया होता है जो साफ तौर पर फर्जी होता है।उस रजिस्टर में किये गये हस्ताक्षर की अधिकारी जमीनी स्तर पर जांच शुरू करदें तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा,कि क्या यह हस्ताक्षर सही है या फर्जी है। पुरे गांव में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है।