मोहम्मद खालिद
खोड़ारे गोण्डा: विकासखंड बभनजोत के ग्राम पंचायत बैजपुर में बडे़ पैमाने पर धांधली नजर आई है सबसे पहले आपको बता दें कि ग्राम प्रधान किशोरी प्रसाद से जब ग्राम पंचायत में तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों का नाम पूछा गया तो प्रधान जी की हवा निकल गई ग्राम प्रधान को अपने ग्राम पंचायत में तैनात कर्मचारियों व अधिकारियों की कोई खबर नहीं है इससे आप अंदाजा लगाया जा सकता है कि गांव में कितना विकास हुआ होगा आपको बता दें कि सरकार साफ सफाई को लेकर अरबों रूपये खर्च कर रही है ताकि भारत एक स्वच्छ भारत एवं स्वस्थ भारत बन सके लेकिन ग्राम पंचायत में जब दैनिक जागरण की टीम ने भ्रमण कर ग्रामीणों से जानकारी मांगी तो पता चला कि शौचालय बनवाने की कोशिश सिर्फ सरकार के पैसों को बांटकर अपना कागज मजबूत करना था जमीनी हकीकत कुछ और ही है ग्राम पंचायत बैजपुर में शौचालय तो बन गये लेकिन लोगों द्वारा उसे प्रयोग में लाने के बजाय कूड़ा करकट रख कर इस्तेमाल किया जा रहा है
भ्रमण के दौरान यह भी बात सामने आई है कि प्रधान जी ने खुद ठेका लेकर शौचालय बनवा दिया लेकिन अभी वह शौचालय आधे अधूरे में पड़ा है
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि प्रधान जी ने जो शौचालय की प्रोत्साहन राशि सरकार की तरफ से लाभार्थियों को मिली थी उसको घर घर जाकर अंगूठा लगवाकर पूरा पैसा निकाल लिया है और शौचालय को लगभग सात से आठ हजार रुपये खर्च करके शौचालय का प्रारूप बनाया है जिसमें न तो अभी शीट लगा है और न ही प्लास्टर हुआ है यही नहीं सरकार की तरफ से शौचालय के ऊपर लिखने वाले विज्ञापन का तो नाम पता नहीं है इससे जाहिर होता है कि प्रत्येक शौचालयों से लगभग चार हजार रुपये का गोलमाल किया गया है
सिर्फ शौचालय निर्माण में लाखों रुपये का गोलमाल किया गया है ऐसे में सरकार की मंशा पर प्रधान व संबंधित अधिकारियों ने पूरी तरह से जमकर लूटपाट की है और सरकारी खजाने को अच्छा खासा चूना लगाया है यहां पर एक बड़ा सवाल पैदा होता है कि क्या प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रधान जी लाभार्थियों को बख्शा होगा उत्तर प्रदेश के विकासखंड बभनजोत के ग्राम पंचायत बैजपुर में लगभग 1500 वोटर अपने मत का प्रयोग करते हैं ग्राम पंचायत की कुल आबादी लगभग 4000 से अधिक है
ग्राम पंचायत में न तो अभी तक कोई आंगनबाड़ी केंद्र है और न ही उप स्वास्थ्य केन्द्र बना है प्राथमिक विद्यालय बैजपुर का निरीक्षण किया गया तो पता चला कि विद्यालय में अभी तक कायाकल्प योजनान्तर्गत आधा अधूरा काम जैसे तैसे हो पाया है और साफ-सफाई में शौचालय की तो दुर्दशा है ऐसे में ग्राम पंचायत का बुरा हाल है कि सरकार की कौन सी योजना यहां आती है और कहाँ उसका इस्तेमाल किया गया है किसी को कुछ नहीं मालूमपूरे ग्राम पंचायत में अभी भी लगभग 40 लोग बिना छत के जीवन जीने के लिए मजबूर हैं।