Home > पूर्वी उ०प्र० > गोंडा > रेलवे की अनदेखी से टे्रनों में धड़ल्ले से चल रहे अवैध वेंडर

रेलवे की अनदेखी से टे्रनों में धड़ल्ले से चल रहे अवैध वेंडर

ट्रेनों में मनमाने दामों पर बेचते है दूषित एवं बासी खाद्य सामग्री
गोंडा। ट्रेनो में बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों के खिलाफ तो रेल प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाती है, लेकिन उन्हीं ट्रेनों में अवैध रूप से खाद्य सामग्री बचने वाले वेडरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है। यहीं कारण है दिनों दिन ट्रेनों में अवैध वेडरों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसा नहीं है कि यह रेल प्रशासन की नजर में नहीं है, बल्कि जिम्मेदार अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई करने से बचते नजर आते है। जिसके चलते ट्रेनों में वेंडरों की मनमानी और दबंगता से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन वेडरों द्वारा बेचे जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता भी ठीक नहीं होती है, इससे यात्रियों के स्वास्थ पर विपरित असर पडऩे की आशंका बनी रहती है। इन दिनों ट्रेनों में गोंडा से लखनऊ के बीच वेंडरो का जमाबड़ा अधिक लगा रहता है। इन दो जंक्शनों के मध्य बड़ी संख्या में अवैध वेंडर जनरल कोच एवं स्लिपर, यहां तक की एसी कोच में भी बिना रोक टोक के पहुंचकर खाद्य सामग्रियों का विक्रय करते है। जबकि यात्रियों के खानपान की स्टेशनों पर समूचित व्यवस्था होने के साथ साथ ट्रेनों में भी सुविधा होती हैै। ये वेडर यात्रियों से मनमाने दाम भी वसूलते है।
बोगियां बांटकर करते है व्यवसाय
एक जैसे ही खाद्य सामग्री बेचने वाले वेंडर आपस में बोगियां बांटकर व्यवसाय करते है। जिसको लेकर कई बाद उनमें विवाद की स्थिति भी बन जाती है। यात्रियों के बीच नौबत गाली गलौच व मारपीट तक पहुंच जाती है। नियम,कानून को ताक पर रखकर अवैध वेंडर ट्रेनों में धंधा कर रहे है। जिन पर अंकुश लगाने के लिए रेलवे पुलिस भी कार्रवाई नहीं करती है। ट्रेनों में चने, चाय, पाउच, पानी, कोल्ड्रिंस, पान मसाला, सिगरेट, से लेकर अन्य कई तरह की सामग्री अवैध वेंडरो द्वारा बेची जाती है। इन वेडरों द्वारा दूषित एवं बांसी खाद्य सामग्रियों के विक्रय से भी परहेज नहीं किया जाता है।
यात्रियों के जान माल पर भी उठते है सवाल
अवैध वेंडरों के चलते रेलवे सुरक्षा व यात्रियों के जान माल की सुरक्षा पर भी सवालियां निशान खड़ा होता है। यह अवैध वेंडर बदतमीजी एवं मारपीट पर भी उतर आते है। जिसके कारण रेलवे प्रशासन को अप्रिय घटनाओं का सामना करना पड़ता है। अवैध वेंडर द्वारा मनमाने स्थानों पर चेन खींचकर ट्रेनों को खड़ा कर उतरकर भाग जाते है। खिरकिया सहित आसपास रेलवे स्टेशनों पर वेंडरों का जमावड़ा लगा रहता है। यात्रियों का कहना है रेलवे प्रशासन को इन अवैध वेडरों की रोकथाम के लिए कार्रवाई करना चाहिए।
इन ट्रेनों में लगा रहता है जमाबडा
स्थानीय रेलवे स्टेशन पर रूकने वाली लगभग सभी ट्रेनों में अवैध वेंडर सबसे अधिक सक्रिय रहते है। पैसेंजर सवारी गाडिय़ों में तो अवैध वेंडरों का चलना आम बात है। वहीं एक्सप्रेस ट्रेनों में भी दर्जनों की संख्या में वेंडर रहते है। इनमें चाय, गुटखा, चने बेचने वालों की संख्या अधिक रहती है। इन अवैध वेंडरों द्वारा प्रतिबंधित सामग्रियों का भी विक्रय किया जाता है। ऐसे में टे्रनों में धूम्रपान भी बढ़ता है। ट्रेनों में गुटखा पाऊचों की अधिक मांग रहती है। जिससे यह प्रतिबंध के बावजूद ऊंची कीमतों में खुलेआम बेचते है। इन अवैध वेंडरो में से कुछ तो नाबालिग भी होते है। कार्रवाई नहीं होने से उन्हें भी बढ़ावा मिलता है। यदि कार्रवाई होती भी होती है तो रस्म अदायगी की जाती है।
तो काट देते है चालान, लेकिन इनको करते नजरअंदाज-
शिक्षा ग्रहण करने के लिए दूसरे शहर जाने वाले विद्यार्थी या अपडाउनर्स अपने कार्य के लिए मजबूरन यदि बिना टिकट यात्रा करते है, तो रेलवे द्वारा उनसे मोटी राशि जुर्माने के रूप में वसूली जाती है। वहीं उन्हीं ट्रेनों में बिना किसी टिकट और भय के यह अवैध वेंडर दबंगई से व्यवसाय करते है, जिनकों न तो टीसी रोकता है और न ही रेलवे पुलिस।
इनका कहना
ट्रेनों में चलने वाले अवैध वेंडरो पर कार्रवाई की जाएगी, उन्हें पकड़कर बंद किया जाएगा, सादा ड्रेस में स्टाफ चलती ट्रेन में धरपकड़ हेतु लगाया जाएगा और विधिक कार्यवाही की जाएगी, प्रभारी, आरपीएफ, गोंडा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *