ज़िला संवाददाता विनोद कुमार सिंह,,
गोण्डा। ज़िले के धानेपुर थाना क्षेत्र सहित समूचे जनपद में नशे के सौदागरों का एकछत्र साम्राज्य कायम है जहां भांग की दुकानों पर खुलेआम धड़ल्ले से गांजे की बिक्री की जा रही है। बेधड़क दिन दहाड़े बेचे जाने वाले गांजे का व्यापार इतना हाइलाइटेड है कि यहां गली- मोहल्ला एक ही हल्ला है कि खाकी के सरपरस्ती मे भांग की दुकानों पर हो रहे गांजे की बिक्री से खुलेआम युवाओं की जिंदगी नशे की लत में फंसकर बर्बाद हो रही है और उनके घर वाले चाहकर भी कुछ नही कर पा रहे हैं। चर्चा के मुताबिक भांग की दुकानों पर आखिर क्यों जहरीले नशे की पुडियों को खुलेआम बेचा जा रहा है। दरअसल नशे के इन सौदागरों को शायद सिस्टम से निपटने का हुनर आता है। यही कारण है कि गांजा माफियाओं के आगे जिम्मेदार सिस्टम नतमस्तक नजर आता है।
बेखौफ नशा माफिया भांग की दुकान पर गांजे का कारोबार संचालित कर शासन प्रशासन को ठेंगा दिखा रहे हैं जबकि उस पर नकेल लगाने की बजाय जिम्मेदार मोहकमा हफ्ता लेकर नशे के कारोबार की तरफ से गांधी जी के तीन बंदरो की तरह आंखें मूंदे रहता है। नशा माफियाओं के गांजे की विक्री का अनोखा खेल देखना हो तो आइए धानेपुर थाना क्षेत्र में जहां भांग के ठेके की दुकान पर गांजे अवैध गांजे की विक्री की जाती है।चर्चा है कि धानेपुर प्रभारी निरीक्षक के चोरी मे धानेपुर के पुलिसकर्मियों के सरपरस्ती मे इस घृणित खेल को अंजाम दिया जाता है। यहां का आलम यह है कि सिस्टम की लापरवाही के चलते इन सौदागरों के हौंसले इस कदर बुलंद हैं कि मुल्क की तरक्की का दारोमदार जिन युवा शक्तियों पर है ,उन्हें नशे के कारोबारी खोखला करने पर आमादा हैं बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी चैन की नींद फरमा रहे हैं,और पूरा मोहकमा सब कुछ जानते हुए गांधी जी के बंदरों की भूमिका निभा रहा है।जिसके चलते नशे के सौदागर बेलगाम हो चुके हैं। बच्चा- बच्चा जानता है कि भांग की दुकान पर खुलेआम गांजा बेचा जा रहा है, परंतु संबंधित पुलिस थाना एवं आबकारी विभाग की कुंभकर्णी नींद नहीं टूट रही है।