सुरेश कुमार तिवारी
कहोबा चौराहा गोंडा। करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का अधिक महत्व होता है। इस दिन व्रती स्त्रियों को चंद्रमा का बेसब्री से इंतजार रहता है। करवा चौथ के दिन चंद्र दर्शन करना जरूरी माना जाता है। भारत के सभी राज्यों में चंद्रमा अलग-अलग समय पर उदित होता है। इस समय में ज्यादा फर्क नहीं होता है। चांद के दर्शन देश के लगभग सभी हिस्सों में हो गए हैं,
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चांद न दिखने पर इसे अपशुगन नहीं समझना चाहिए।मौसम की वजह से चांद का न दिखना आम बात है। चांद के दर्शन न होने पर आप ऐसे तोड़ें अपना व्रत-
1. कहा जाता है कि करवा चौथ व्रत के दिन अगर आपको चांद नजर नहीं आता है तो महिलाएं अगले दिन सूर्योदय के बाद भोजन कर सकती हैं।
2. मान्यता है कि करवा चौथ के दिन अगर चंद्रमा नहीं दिखाई पड़ता तो महिलाएं भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा के दर्शन कर सकती हैं। चंद्रमा की पूजा करके क्षमा याचना करें और व्रत पूर्ण करें।
3. ऐसा कहते हैं कि चांद न नजर आने पर चंद्रमा का आह्वान करें और विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए व्रत पूर्ण करें।
4. कहा जाता है कि चंद्रोदय के समय चांद निकलने की दिशा में मुख करके पूजा करें। मन ही मन मां लक्ष्मी का ध्यान लगाते हुए पति की पूजा के बाद व्रत पारण करें।
5. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भवती, बुजुर्ग और बीमार महिलाएं अगर चंद्रदर्शन नहीं कर पाती हैं तो वे बिना चंद्रदर्शन ही व्रत का पारण कर