मोहम्मद अशफाक
डुमरियागंज (सिद्धार्थनगर)। ईद-उल-मिलादुन्नबी का पर्व हर साल की तरह इस साल भी बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। मुस्लिमों के आखरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश पर यह पर्व मनाया जाता है। हजरत मोहम्मद साहब का दुनिया में आने का मकसद लोगों में भाईचारा व मोहब्बत का पैगाम देना था। मोहम्मद साहब ने पैगाम दिया है कि मोहब्बत से जीना ही जिंदगी है।
दूसरों के बुरे समय में मददगार बनने वाला अल्लाह का नेक बंदा होता है। इस जुलूस में हजारों की संख्या में लोग शामिल होते हैं। आज के दिन मुस्लिम समाज के लोग बेवां चौराहे से जुलूस निकालते हैं और डुमरियागंज में शहीद बाबा मजार पर जाकर फातिहा पढ़ कर और देश में अमन चैन शान्ति व आपसी भाईचारे की दुआ करके खत्म होता है। इस जलूस में जगह जगह हर समुदाय के लोग स्टाल लगाकर भाईचारे संदेश देते हैं। स्टाल लगाकर लोगों को खाना खिलाते व शर्बत पिलाते है। साथ ही आपसी भाईचारे का पैगाम देते है। सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज में ये जुलूस बेंवा चौराहे से हल्लौर, डुमरियागंज तेलियाना मोहल्ला होते हुए डुमरियागंज मंदिर चौराहे पर इसका समापन होता है।वहीं इस जुलूस को लेकर बैदोला गढ़ गरीब नवाज के सदर मौलाना मकसूद ने बताया कि ये पर्व हमारे आखरी पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के यौमे पैदाईश के मौके पर मनाया जाता है। जिसमें हम लोगों जुलूस निकालते हैं। लोगों को खाना खिलाते हैं और लोगों को आपसी भाईचारे से मिल जुल कर रहने कि बात बताते हैं।