अजीजुद्दीन सिद्दीकी
मनकापुर गोंडा। जिले में साम्प्रदायिक सौहार्द और आपसी एकता या धार्मिक समरसता की बात हो तो वजीरगंज का नाम हर जुबां पर पहले आजाता है । यहां मुहर्रम में इमाम-ए- हुसैन का चौक हो या काली मां का स्थान, मंदिर निर्माण हो या मस्जिद , होली हो या ईद , दीवाली हो या जलसा ।हर मौके पर हिन्दू – मुस्लिम का आपसी सहयोग सर्वविदित है । ऐसे में न्यौरार के अतीउल्ला जो एक लंबे अरसे से मुस्लिम और हिन्दू दोनों धर्मों के प्रति मुहब्बत रखने के लिए नजीर बने हैं ।
जी हां पेशे से जीप चालक व अशोकपुर खोखिया के ग्राम प्रधान ने अजमेर , देवा , बहराइच ,किछौछा के साथ ही गंगा सागर , जगन्नाथपुरी , मैहर और रामेश्वरम में भी डुबकी लगाई ।इमाम – ए – हुसैन के नाम चबूतरा बनवाया तो काली मां का स्थान भी । मुहर्रम में स्वनिर्मित खूबसूरत ताजिया , तो नवरात्र में मां की पूजा भी । सर्व धर्म , सर्वरस ,संभाव की भावना से लबरेज़ अतीउल्ला अशोकपुर खोखिया ही नहीं अपितु आस – पास के अन्य इलाकों के लिए भी प्रेणा हैं ।
एक और 1992 बन गया यादगार
6 दिसम्बर 092 का अयोध्या प्रकरण भले ही कुछ स्वार्थी लोगों में अलग किस्म की याद दिलाता हो , लेकिन अतीउल्ला के लिए सभी धर्म और ईश्वर एक है का यादगार है । इसी दिन महान विचारण के इस लाडले ने साम्प्रदायिक एकता की खांई को पाटने का संकल्प लिया । तभी से नवरात्र हो या ईद , दशहरा हो या मुहर्रम सभी को आपसी सुर्खियां बांटते हुऐ अतीउल्ला मना रहे हैं ।28 साल का सफर अब उन्हें साम्प्रदायिक सौहार्द और सदभाव के लिए समय पूर्व ही कुरेदने लगता है । उनका कहना है कि उन्हे सुकून मिलता है ।
अनासागर के साथ नीम सारंग में भी लगाई डुबकी
साम्प्रदायिक एकता का रोल माडल बन चुके अतीउल्ला की ‘ अनेक धर्म ‘ ईश्वर एका ‘ की बहुत खासियतें हैं , जो साम्प्रदायिक एकता की खांई पाटती है ।उसी में से एक है नीमसारंग में डुबकी और अनासागर में नहाना । अतीउल्ला की ख्वाहिश है कि वे सभी धार्मिक स्थलों पर जांए ।