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आशाओं को बर्खास्त न करने पर भड़के डीएम

82 पदों पर भर्ती न होने पर भी जताई नाराजगी, सीएमओ को कार्रवाई के निर्देश
बस्ती, (यूएनएस)। जिले में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक डीएम अंद्रा वामसी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। उन्होंने पाया कि निजी अस्पतालों में डिलीवरी के लिए पहुंचाने वाली आठ दोषी आशाओं को बर्खास्त नहीं किया गया है। इसके बाद डीएम के तेवर सख्त हो गए और वो बोले कि दोषी आठ आशाओं को क्यों नहीं बर्खास्त किया गया। इसके साथ ही उन्होंने आशाओं के रिक्त 82 पदों पर भर्ती न किए जाने पर नाराजगी जताई। डीएम ने समीक्षा बैठक में सीएमओ और एसीएमओ को कार्रवाई करने के लिए सख्त निर्देश दिए। उन्होंने अग्रिम आदेशों तक मरवटिया, रुधौली, सल्टौआ गोपालपुर के एमओआईसी को तत्काल कार्रवाई कर अवगत कराने का निर्देश दिया है। डीएम ने सीएमओ को कहा कि बैठक में लिए गए निर्णय की नियमित मॉनिटरिंग करके कार्रवाई सुनिश्चित कराएं। डीएम ने संस्थागत प्रसव में पिछड़ने के कारण महिला जिला अस्पताल व रोगी कल्याण समिति के धनराशि शतप्रतिशत व्यय न करने पर टीबी अस्पताल के अधीक्षक का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। उन्होंने रोगी कल्याण समिति की धनराशि व्यय में पिछड़ने के कारण बनकटी, बहादुरपुर के ब्लॉक अकाउंट ऑफिसर का वेतन भी रोका है। संस्थागत प्रसव लक्ष्य के अनुरूप न करने पर उन्होंने रामनगर, कप्तानगंज, गौर के एमओआईसी का वेतन भी रोका गया है। हेल्थ वेलनेस सेंटर के विद्युतीकरण का कार्य समय से ना कराए जाने के लिए हर्रैया, भानपुर, विक्रमजोत के एमओआईसी का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही हेल्थ वेलनेस केंद्र पर टेली कंसल्टेशन लक्ष्य के अनुरूप न करने पर उन्होंने बहादुरपुर के सीएचओ का वेतन रोकने का निर्देश दिया है। डीएम की अध्यक्षता में आयोजित स्वास्थ्य समिति की समीक्षा बैठक में सीडीओ जयदेव सीएस, सीएमओ डॉ रमाशंकर दुबे, एसीएमओ डॉ एके मिश्रा, सीएमएस डॉ पीके श्रीवास्तव, ओपेक कैली अस्पताल के सीएमएस डॉ एएन प्रसाद आदि मौजूद रहे।

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