Home > अपराध समाचार >  कई बार शिकायत व समाचारपत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद भी रिफलिंग कर्ताओं के हौसले बुलंद

 कई बार शिकायत व समाचारपत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद भी रिफलिंग कर्ताओं के हौसले बुलंद

थाने के संरक्षण में चल रहा अवैध रिफलिंग कारोबार

थाना स्तर पर पहुंचाई जा रही बडी रकम

कानपुर नगर|भले ही आधार कार्ड बनने के बाद गैस की कालाबाजारी पर लगाम लगाने की बात सरकार करती है लेकिन हकीकत बिल्बुल अलग है। पूरा कानपुर नगर अवैध गैस रिफलिंग का सबसे बडा अडडा बना हुआ है जहां पुलिस के संरक्षण में गली मोहल्लों में कई जगह रिफलिंग का काम किया जा रहा है।थाना ग्वालटोली गैस रिफलिंग के मामले में सबसे अव्वल है। यहां पुलिस अपने संरक्षण में अवैध रिफलिंग का काम कराती है। ठीक थाने के बगल में तथा पीछे ही रिफलिंग का काम होता है। पूर्व में छापेमारी के दौरान मामला उछला था लेकिन पुलिस ने उसे दबा दिया। अब खलासी लाइन, ग्वालटोली, अहिराना, सूटरगंज में सैकडो सलेण्डर से रिफलिंग की जा रही है। बडी बात तो यह कि थाना ग्वालटोली क्षेत्र में जितने गैर रिफंिलंग के अवैध अडडे है उनका एक ही सरगना है और वह पुलिस का खास व्यक्ति है। सूत्रों की माने तो लगभग 1 लाख रू0 हर माह थाने को पहुंचता है तथा पूरे क्षेत्र से हजारो सिलेण्डर अवैध रिफलिंग में खपाये जा रहे है।

मकान बने अवैध रिफलिंग के अडडे तथा गोदाम
ग्वाटोली क्षेत्र मे दर्जनो मकानों में धडल्ले से गैस रिफलिंग का काम होता है। राह चलते राहगीर सिलेण्डर भराने आने वाले व ले जाने वाले लोगों को देखते है लेकिन पुलिस को इस लिए कुछ दिखाई नही देता क्योंकि उसे हर माह बडी रकम मिलती है साथ ही थाने पर सिलेण्डर की सप्लाई फ्री में की जाती है। इतना ही नही जब अधिकारियों की जांच होती है तो थाने की पुलिस पहले से अवेैध रिफलिंग करने वालो को सचेत कर देती है। शाम को इन्ही अवैध करोबारियों के साथ खाकी के जाम टकराते है। कई मकानों में तो बकायदा गोदाम भी बनाये गये है जहां 100 से 200 सिलेण्डर स्टाक में रखे रहते है। वहीं गैस खुलेआम 110 से 125रू0 किलो तक बेजी जाती है। इतने बडे पैमाने पर अवैध का किया जा रहा है लेकिन पुलिस इसे अनदेखा कर रही है शायद पुलिस प्रशासन को फिर कोई बडे हादसे का इंतजार है। स्थानीय लोगों की माने तो ग्वालटोली बाजार में बडे पैमाने पर गैस रिफलिंग का काम किया जाता है और दबंगो के डर के कारण कोई विरोध नही कर पाता, जबकि कई मकानों में बडे-बडे गोदाम बने हुए है, ऐसे में हर पल हादसे का खतरा बना रहता है।

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