लखनऊ | राजधानी में हत्यारों, लुटेरों के अलावा चोरों के भी हौसले बुलंद हैं। ये मकान का ताला तोड़कर तो दूर भगवान का घर भी नहीं छोड़ रहे हैं। बीते दिनों जुग्गौर गांव में हुई डकैती के मामले में पुलिस किसी नतीजे पर पहुंंच भी नहीं पायी थी कि नए साल के तीसरे दिन बेखौफ चोरों ने चिनहट कोतवाली के बगल में स्थित दुर्गा मंदिर में मंगलवार की रात धावा बोलकर सोन के जेवरात व तानपात्र चोरी कर पुलिस चौकसी पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए | खास बात यह रही कि घंटे भर मंदिर में बदमाश आतंक मचाते रहे और पुलिस को इसकी जरा भी भनक नहीं लग सकी। सूचना मिलने के इंस्पेक्टर चिनहट रवीन्द्र नाथ राय मौके पर पहुंच कर छानबीन की, लेकिन चोरों का कुछ सुराग नहीं लग सका है। वहीं मंदिर में हुई चोरी को लेकर भक्तों में खासा नाराजगी है। उनका आरोप है कि कोतवाली के बगल में वारदात हो गई और पुलिस सोती रही।
जानकारी के मुताबिक, चिनहट कोतवाली के बगल में मातेश्वरी मंदिर, भगवान हनुमान जी की मंदिर के अलावा भगवान गणेश जी का मंदिर है। इन मंदिरों के अलग-अलग पुजारी हैं, जिसमें दुर्गाजी की मंदिर में अजोरा देवी पांडेय पुजारी हैं। पुजारी अजोरा देवी के मुताबिक वह मंगलवार की रात करीब 12 बजे के बाद सोने के लिए गई थीं। जबकि अन्य मंदिरों के पुजारी भी अपने-अपने कमरे में चले गए थे कि देर रात चोर मंदिर परिसर में दाखिल हुए और दुर्गाजी के गले गले से सोने का हार, नथुनी व मंदिर में रखा दानपात्र चोरी कर ले गए।
बताया गया कि बुधवार की सुबह भक्त मंदिर में दर्शन करने के लिए आए तो देखा कि दुर्गाजी के शरीर से पूरा जेवर गायब है और दानपात्र का ताला टूटा है। यह माजरा देख भक्तों ने इसकी खबर पुजारी अजोरा देवी को दी। अजोरा के मुताबिक, उन्होंने बगल में मौजूद कोतवाली में सूचना दी। उनका कहना है कि बगल में कोतवाली फिर भी पुलिस करीब आधे घंटे बाद मंदिर में आयी।