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अवैध बाड़े बन रहे गायों की मौत का कारण,एस डी एम,प्रधान और एस.ओ हलिया की मिलीभगत से किया मामले को दबाने का शर्मनाक प्रयास

कवरेज के लिए गए पत्रकार को धमकाया और छीना आइ डी कार्ड
लालगंज,(मिर्जापुर)। प्राप्त जानकारी के अनुसार देवघटा गहरवा र(नौदर) मे बने अवैध बाड़े मे सैकड़ों की संख्या मे पशुओं को बिना चारा, पशु आहार,और बगैर जल के पिछले एक महीने से रखा गया था। अचानक तीन चार दिनो पूर्व सूत्रानुसार बाड़े मे लगभग पच्चीस गायें बगैर दाना पानी के मृत पायी गयी। जिनको आनन फानन में पास ही नदी में फिकवा दिया गया है | पशुओं के मृत शरीर की सड़न से स्थानीय जनता को उनके स्वास्थ्य का खतरा हो गया है | जब इस बात की जानकारी स्थानीय ग्रामीड़ों को हुई तो इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी गयी। दिनांक पांच जनवरी को रात लगभग दस बजे मौके पर एसडीएम और एस ओ थाना हलिया मय फोर्स के साथ आये । देवघटा पांडे और देवघटा गहरवार मे स्थित अवैध बाड़े के मालिकों पर कोई कार्यवाही न करते हुए मौके पर मौजूद अवध की आवाज़ समाचार पत्र जो लखनऊ से प्रकाशित होता है के पत्रकार अखिलेश पाण्डेय को फोटो खीचने से मना किया गया और अभद्रता करते  हुए पत्रकार की आइ डी छीन लिया । जब एसडीएम और एस ओ से इस बावत पूछा गया तो दोनों ने जानकारी न होने की बात बताई। जब यही प्रश्न स्थानीय ग्रामीड़ो से पूछा गया तो उनके अनुसार मरी हुई गायों को मौके पर एस डी एम लालगंज और एस ओ हलिया ने मौके पर आकर जेसीबी से गायों को स्थानीय ग्राम प्रधान (देवघटा पांडे)के साथ मिली भगत करके बेलन नदी के किनारे मिट्टी में दबवा दिया और कुछ नदी के किनारे फीवा दीं। जब पत्रकार ने बाड़े के खिलाफ कार्यवाही की बात किया तो पत्रकार की आइ डी  छीन ली गयी और धमकी भी दिया कि तेरे जैसे पत्रकार बहुत देखे हैं। इतने डंडे पड़ेगे की सारी पत्रकारिता भूल जाओगे। इस मामले पर जानकारी हेतु एस डी एम अरविन्द चौहान को जब उनके मोबइल पर दो बसर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल नहीं उठा | जो की एक गैर जिम्मेदराना कृत्य है | इस मामले की जानकारी डी एम मिर्जापुर को उनके वाट्स एप नंबर भी दी आज गयी है | गौर तालाब बात तो यह है की अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को भूल गुनहगारों पर कोई कारवाही न कर देश के चौथे स्तम्भ मीडिया को अपनी जिम्मेदारी निभाने में भी पत्रकारों के कर्म क्षेत्र में अड़चन पैदा कर ,उनको धमकाकर हादसों को दबाने का प्रयास करते है | अब देखना यह है कि प्रशासन उक्त अधिकारिओं के खिलाफ कारवाही कर पत्रकार के साथहुई बदसलूकी क्या कार्यवाही करता है ?

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