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आशियाना थाने की पुलिस का कारनामा, पीड़ित को नही बल्कि मुख्यमंत्री को ही गुमराह कर रही

अखिलेश
अवध की आवाज
लखनऊ | आशियाना निवासी अंकित ने एक आईजीआरएस जिसकी संख्या 40015720028714 है। प़ीड़ित गोपी चंद ने अपनी दुकान वीरेंद्र प्रताप सिंह को किराए पर दी थी। किंतु कुछ दिन किराया देने के बाद दबंगो द्वारा ना किराया दिया गया ना दुकान खाली कर रहे । उल्टा मारने पीटने धमकाते रहते है। और तो और पहले खुद धमकाया फिर एलडीए चौकी इंचार्ज मनोज कुमार को भी बुला लाए मौके पर चौकी इंचार्ज के साथ दीवान बब्बन, व खुर्शीद आलम थे । चौकी इंचार्ज व दीवान द्वारा भी गोपी चंद्र व उसके पुत्र अंकित को डांटने का आरोप है। पीडित द्वारा न्याय की आस लगाकर आईजीआरएस, डाली गयी। लेकिन लापरवाही इस कदर की जिसके ऊपर आरोप था। उन्ही के कंधो पर जांच डाल दी गई जांच। अब बड़ा सवाल यह है। कि एलडीए चौकी इंचार्ज ने अंकित को फोन कर कहा। कि तुम एप्लिकेशन दोगे तो वो भी एप्लीकेशन देगा। झगड़ा करेगा। ये धमकी थी। या सलाह अब प्रश्न उठता है। कि क्या एल.डी.ए चौकी इंचार्ज मनोज कुमार खुद अपनी जांच करेगे।क्या खुद पर आरोप सिद्ध कर आख्या मुख्यमंत्री पोर्टल पर लगाएगे। क्या इसकी जांच खुद आरोपी को करने की इजाजत है । क्या मुख्यमंत्री पोर्टल को मजाक नहीं समझा जा रहा है । क्या कहते है। जिम्मेदार कमीशनर साहब के फोन पर पीआरओ साहब ने कहा कि किसी अन्य से जांच करानी चाहिए। वह खुद जांच नही कर सकता। वही थानाध्यक्ष आशियाना ने कहा कि खुद जांच नही कर सकते है। वो मै किसी दूसरे से जांच करवाता हूँ। मामला मेरे संज्ञान मे नही था ।

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