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आपसी विवाद में उसके दोस्तों ने लविश को उतारा था मौत के घाट, हत्या की असली वजह स्पष्ट नहीं….

(खून लगे फावड़े से मिला सुराग)
(चौकीदार बना खुलासे की अहम कड़ी)

मोहनलालगंज, लखनऊ। मोहनलालगंज के खुझौली गांव में जिस युवक की हत्या कर सिर और धड़ अलग अलग कर ठिकाने लगाया गया था उसकी पहचान बागपत के राठौड़ा निवासी लविश चौधरी उर्फ जानी के रूप में हुई। जिसे उसके ही दोस्तों ने आपसी विवाद के चलते मौत के घाट उतारा था। यह खुलासा घटनास्थल से कुछ दूरी पर स्थित फार्म हाउस के भीतर खून से सना फावड़ा मिलने के बाद हुआ। फार्म हाऊस से मिले इस अहम सुराग के आधार पर पुलिस ने फार्म हाउस के मालिक व नौकर मंगलू को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो एक के बाद एक कड़ियां खुलने लगी। पूछताछ के दौरान मंगलू ने बताया की प्रदीप के फार्म हाउस पर दो लोग स्कॉर्पियो से आए थे जिनकी गाड़ी में काफी खून लगा हुआ था उन लोगो ने गाड़ी वहीं पर साफ करी थी उसके बाद वापस गोमतीनगर विस्तार स्थित प्रदीप के फ्लैट पर चले गए थे पुलिस मंगलू को साथ लेकर प्रदीप चौधरी के गोमती विस्तार स्थित खरगापुर के फ्लैट पर गई थी लेकिन वह दोनों आरोपी वहां नहीं मिले उनके मोबाईल फोन भी लगातार स्विच आॅफ जा रहे हैं। पुलिस दोनो हत्यारों की तलाश में कई टीमें बनाकर जांच पड़ताल कर रही है।
वहीं दूसरी ओर चौकीदार का बयान लेने के बाद पुलिस ने जब फार्म हाऊस के मालिक प्रदीप चौधरी से संपर्क किया उन्होंने तस्वीर देखकर मृतक की पहचान लविश उर्फ जाॅनी के रूप में की थी। प्रदीप ने ड्राइवर अनिल को फोन करके लविश के बारे में पूछा तो वह बहाना बनाने लगा लेकिन प्रदीप के दबाव बनाने पर अनिल ने खुद लविश बनकर उससे बात करके गुमराह करने की कोशिश की लेकिन प्रदीप को संदेह हो गया कि यह आवाज लविश की नहीं है इस पर उन्होंने वीडियो कॉल करने को कहा तो आरोपियों ने अपने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिए।

16 मई की रात हुआ था विवाद….

फार्म हाऊस के मालिक प्रदीप ने पूछताछ के दौरान पुलिस के समक्ष कुबूल किया कि बीते16 मई की रात सोसाइटी में उसके फ्लैट के अगल बगल रहने वाले पड़ोसियों ने उसे फोन करके फ्लैट से तेज तेज आवाजें आने की सूचना दी थी जिस पर उन्होने अपने ड्राइवर अनिल को फोन करके जानकारी भी ली थी और उसे फटकार भी लगाई थी जिसपर अनिल ने सफाई देते हुए बताया था कि वो लोग आपस में तेज तेज बातें कर रहे हैं उन लोगों के बीच कोई झगड़ा नहीं हो रहा है।
पुलिस का दावा है कि उसी रात को हुए विवाद के बाद ही ड्राइवर अनिल और नौकर सौरभ ने मिलकर लविश की हत्या कर दी होगी और उसके शव को फावड़े से काटने के बाद उसे फार्महाऊस के पास ले जाकर ठिकाने लगा दिया होगा।

छपरौली पुलिस की सुरागरसी से मिला लविश के घर का पता…

फार्म हाउस के मालिक प्रदीप ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि लविश और अनिल दोनो बागपत जिले के छपरौली थाना क्षेत्र अन्तर्गत आस पास गांव के रहने वाले हैं इस पर मोहनलालगंज पुलिस ने बागपत के छपरौली थाने की पुलिस से संपर्क कर लविश की फोटो भेजी। छपरौली पुलिस ने वहां के प्रधान प्रत्याशी की मदद से लविश के घर का पता ढूंढ कर उसके परिजनों को घटना की सूचना दी। मंगलवार दोपहर रिश्तेदारों के साथ लखनऊ पहुंचे भाई सचिन और पिता देवेंद्र ने कपड़े और शव देखकर उसकी पहचान लविश के रूप में की। वहीं पुलिस ने जब परिजनों से अनिल व लविश के बीच किसी प्रकार के विवाद होने की बात पूछीं तो उन्होने ऐसी किसी जानकारी होने से इंकार कर दिया।

लविश के फोन की लोकेशन नोएडा में मिली…
डीसीपी ने बताया कि मंगलवार की सुबह लविश का मोबाइल फोन ऑन हुआ था। घरवालों के फोन करने पर आगरा के ट्रक ड्राइवर ने कॉल रिसीव की और उसने बताया कि दो लोगों ने उससे लिफ्ट मांगी थी और उतरते वक्‍त उनका यह मोबाईल फोन उसी गाड़ी में ही छूट गया था। आरोपियों की लोकेशन नोएडा में मिली है जिसके आधार पर दोनो आरौपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम बनाकर नोएडा भेजी गई है।

अनिल के बुलाने पर ही लविश लखनऊ आया था…
एसीपी संजीव सिन्हा के मुताबिक लविश बीए की पढ़ाई करने के बाद दिल्ली आकर अपने बड़े भाई सचिन के साथ रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहा था। जिसकी गोमती नगर लखनऊ के नेहरू एनक्लेव निवासी प्रापर्टी डीलर प्रदीप चौधरी के ड्राइवर अनिल के साथ दोस्ती है अनिल बागपत में ही लविश के आस पास का ही रहने वाला है और वह लाॅकडाउन के दौरान अनिल के बुलाने पर लखनऊ आया था तब से वह अनिल और प्रदीप के नौकर सौरभ के साथ उसके गोमती नगर विस्तार वाले खरगापुर स्थित फ्लैट में रह रहा था। पुलिस का मानना है कि 16 मई की रात किसी बात को लेकर हुए विवाद में अनिल और सौरभ ने उसकी हत्या कर दी और उसके शव को खुझौली स्थित फार्म हाउस के निकट ले जाकर ठिकाने लगा दिया।

हत्या की असली वजह अभी साफ नहीं
लविश जाॅनी और उसके दोस्तों के बीच ऐसा क्या हुआ जो उसके अपने दोस्तों ने ही इतनी बेरहमी के साथ उसका सिर धड़ से अलग कर इस वीभस्त घटना को अंजाम दे डाला। लेकिन पुलिस का मानना है कि अक्सर ऐसी घटनाएं या तो प्रेम प्रसंग के चलते जुनून में आकर की जाती हैं या फिर पैसे के लेन देन को लेकर भी ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं फिलहाल अभी तक पुलिस को लविश की हत्या के असली कारणों का पता नहीं चल पाया है पुलिस का मानना है कि फरार हत्यारों की गिरिफ्तारी के बाद ही पता चल पाएगा कि इतनी बेरहमी से हत्या किए जाने की असली वजह क्या है।

नवीन वर्मा, मोहनलालगंज

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