ब्यूरो श्री प्रकाश गुप्ता
सिधौली/सीतापुर। साहित्यकार डा0 रिजवान अंसारी और समाजसेविका मोहसिना क़िदवाई दोनों ही अपने अपने क्षेत्रों के महत्वपूर्ण व्यक्ति थे और कस्बे के आम लोगों की ज़िंदगी में अहम भूमिका रखते थे। यह बात शाइर डा0 तनवीर इक़बाल बिस्वानी ने दोनों दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए मोहल्ला गांधीनगर के कैटालिस्ट क्लासेस में आयोजित सभा में बोलते हुए कही।
डा0 रिज़वान अंसारी एक अदबी शख़्सियत थे। उन्होंने क्षेत्र में बहुत सारे लोगों को उर्दू ज़बान से जोड़ा। उनके बहुत सारे शागिर्द क्षेत्र में हैं और उनका नाम रौशन कर रहे हैं। उन्होंने समाजसेविका क़िदवाई के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी थीं और अपने लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय थीं। कवि एवं चिंतक देवेन्द्र कश्यप ‘निडर’ ने डा0 रिजवान अंसारी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे मेरे गुरू थे, उनके सानिध्य में मैंने उर्दू सीखी और उर्दू नज़्म और नस्र की बारीकियां सीखी। उन्होंने क़िदवाई के बारे में बोलते हुए कहा कि वे बेहद ममतामयी महिला थीं और क्षेत्र के लोग उन्हें मां की तरह सम्मानित करते थे। पत्रकार चन्द्रशेखर प्रजापति ने दोनों व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपनी विनम्रता और अपने अपने क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाने जाते थे। स्व0 क़िदवाई की बहू डा0 लबीबा उस्मानी ने स्व0 मोहसिना क़िदवाई के विषय में बोलते हुए कहा कि उन्हें क्षेत्र के लोगों से बहुत प्यार था। उन्होंने लखनऊ से सिधौली आकर आम लोगों के बीच अपना अहम मकाम बनाया। पत्रकार अनुराग आग्नेय और एडवोकेट अनूप कुमार ने कई संस्मरण सुनाते हुए दोनों व्यक्तित्वों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद एवं समाजसेवी आर0डी0वर्मा ने की। इस अवसर पर गांधीनगर द़िक्षणी की सभासद रेनू भार्गव, पत्रकार मोहसिन उस्मानी, डा0 रिज़वान अंसारी के पुत्र मो0 मुदब्बिर अंसारी, विमल राजपूत, मोहम्मद सलमान, कोमल, सना, फैसल खान और रामविलास कुशवाहा, संतोष कुमार भार्गव, चांद रजा ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।