संवाददाता सत्यपाल सिंह
सिधौली-सीतापुर । दिनोंदिन हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण किसानों की फसलों एवं पशुओं में होने वाली हानि को रोकने के लिए जलवायु- सहिष्णु कृषि तकनीकों एवं पद्धतियों के बारे में किसानों को जागरूक करने के उददेश्य से कृषि विज्ञान केंद्र अम्बरपुर, सीतापुर पर *जलवायु- सहिष्णु कृषि तकनीकों एवं पद्धतियों का व्यापक अभियान कार्यक्रम* का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर किसानों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ माननीय प्रधानमंत्री जी का संवाद और उनके द्वारा विशेष गुणों वाली विभिन्न फसलों की 35 जलवायु – सहिष्णु प्रजातियों का विमोचन, आईसीएआर – राष्ट्रीय जैविक स्ट्रेस प्रबंधन संस्थान, रायपुर, छत्तीसगढ़ का उद्घाटन तथा 4 विश्वविद्यालयों को स्वच्छ हरित परिसर पुरस्कार वितरण समारोह का सजीव प्रसारण भी दिखाया गया। उपरोक्त समारोह को माननीय कृषि मंत्री, भारत सरकार, नरेन्द्र सिंह तोमर, छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर केन्द्र पर किसान – वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम भी आयोजन किया गया जिसमें केन्द्र के वरिष्ठ एवं अध्यक्ष डॉ0 सुरेश सिंह ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा पर विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करते हुए विभिन्न फसलों की बायोफोर्टीफाइड प्रजातियों पर चर्चा की तथा प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि लोगों को बायोफोर्टीफाइड प्रजातियों को अपने भोजन में शामिल करने के लिए इनको अपने उत्पादन श्रृंखला में अवश्य शामिल करना चाहिए जिससे पोषक तत्वों की पूर्ति होगी एवं नाना प्रकार की बीमारियों से मुक्ति प्रदान होगी। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ0 विनोद कुमार सिंह ने किसानों को जलवायु – सहिष्णु तकनीकों/पद्धतियों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की तथा लोगों को सुझाव दिया कि किसान भाइयों को जलवायु – सहिष्णु तकनीकों/पद्धतियों को अपनाना चाहिए जिससे कुपोषण, एनीमिया एवं पोषण तत्वों की कमी से होने वाली बीमारियों का सामना न करना पड़े और परिवार की सेहत ठीक रहेगी व विमारी के खर्च की बचत होगी। इस अवसर पर केन्द्र के वैज्ञानिक अमरनाथ सिंह, डॉ0 उमेश कुमार सिंह, ऋचा सिंह व अजय त्रिपाठी ने भी अपने वक्तव्य दिये एवं किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। इस अवसर पर प्रतिभागियों को नीबू का पौध भी वितरित किया गया।