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डेंगू की रोकथाम को लेकर, नगर पालिका खैराबाद एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खैराबाद के अधीक्षक को दिए गए निर्देशित

सीतापुर। (सू0वि0) जिलाधिकारी अखिलेश तिवारी ने बताया कि विगत वर्ष 2019-20 में डेंगू का जनपद के कुछ क्षेत्रों में व्यापक प्रसार हुआ था जिसमें खैराबाद नगर पालिका परिषद के विभिन्न वार्डों में सैकड़ों की संख्या में मरीज पाये गये थे। जनपद के कुछ और क्षेत्रों यथा बिसवाँ एवं रेउसा आदि में भी यह प्रसार देखने को मिला था। विभिन्न माध्यमों से संज्ञानित हुआ है कि विगत दिवसों में नगर पालिका खैराबाद क्षेत्रान्तर्गत डॉक्टर एवं कुछ अन्य लोग डेंगू की चपेट में आये है। इसकी प्रभावी रोकथाम के लिए अधिशासी अधिकारी नगर पालिका खैराबाद एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खैराबाद के अधीक्षक को निर्देशित किया गया है जिसका अनुश्रवण उपजिलाधिकारी सदर के स्तर से किया जा रहा है। जनपद में डेंगू के प्रसार पर नियंत्रण हेतु डा0 सुरेन्द्र सिंह अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्रतिरक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये है कि जिस भी स्थान पर इसकी शिकायत संज्ञानित होती है तो तत्काल उनके द्वारा सम्बन्धित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी को अवगत कराते हुए जो अपनी टीम के माध्यम से वहॉ सत्यापन/परीक्षण कार्य सुनिश्चित करायेंगें और इसकी रोकथाम के लिए उस क्षेत्र में पैदा होने वाले मच्छरों को नष्ट करने के लिए सम्बन्धित ग्राम पंचायत, नगर निकायों से सहयोग प्राप्त करेगें। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक सम्बन्धित उपजिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी को भी इस आशय की सूचना देते हुए उनसे आवश्यक सहयोग प्राप्त करेंगे। प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में डेंगू प्रसार को बढ़ने नही देना है और इसे समूल नष्ट करना है।जिलाधिकारी ने बताया कि डेंगू रोग का रोगवाहक एडीज एजिप्टी मच्छर (टाइगर मच्छर) के काटने से फैलता है। यह दिन के समय सक्रिय रहकर बार-बार काटने का प्रयास करता है। एक बार में एक ही या कई-कई जनों को काटने की क्षमता रखता है। उन्होंने बताया कि डेंगूरोग का रोगवाहक मच्छर काटने के बाद तेज बुखार, बदन दर्द, सरदर्द, बदन के जोड़ों एवं मांस पेशियों में दर्द, शरीर की त्वचा पर चकत्ते या लाल दाने उत्पन्न होते है। आँख, मुँह, नाक मल वमूत्र के स्थान से खून आना। आँखों के पीछे, आँखे घुमाने पर तेज दर्द होना। जी मितलाना, उल्टी दस्त होना तथा पेट में दर्द होना। रक्त की जांच कराने पर प्लेटलेट की संख्या का 01लाख से कम हो जाना। डायबिटीज, रीनल फेल्योर, श्वसन रोगी, किडनी रोगी तथा प्रतिरोधक क्षमता (एम्यून कम्प्रेस्ड) कम वाले व्यक्ति में यह रोग गंभीर हो सकता है एवं रोगी की मृत्यु भी हो सकती है। जिलाधिकारी ने जनसामान्य से अपील करते हुये कहा कि रोग से बचाव के लिये स्वास्थ्य विभाग द्वारा करायी जा रही फागिंग/स्पेस स्प्रे के समय दरवाजे-खिड़कियां खुले रखें। घरों में संचयित पानी को साप्ताहिक अन्तराल पर बदलते रहे। कूलर का पानी बदलने के बाद टंकी को स्क्रब से रगड़ साफ करें ताकि उस पर चिपके मच्छरों के अण्डे और लार्वा मर जायें सम्भव हो तो टंकी चार से पाँच दिनों तक धूप में सुखायें।। घर के आस-पास गंदगी न फैलने दें और न ही पानी एकत्रित होने दें। शरीर को अधिकतम ढकने वाले वस्त्रों को पहने। मच्छर भगाने वाली औषधि एवं सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। नीम की पत्ती का धुआं करें एवं जहां पानी एकत्रित हो निकालने का प्रयास करें। डेंगू रोग होने की स्थिति में पूर्ण आराम करें एवं चिकित्सक की सलाह से पैरासीटामाल गोली (वयस्क), सीरप (अवयस्क) का सेवन कर बुखार को कम करें। उन्होंने यह भी अपील की कि घर के आस-पास एवं घर के अन्दर गंदगी या कूड़ा एकत्र न होने दें। घर में बुखार के रोगी को बिना मच्छरदानी के न रहने देंन सोने दें। बुखार रोगी की देखभाल के लिए कमरे में खिड़की व दरवाजें बिना जाली के नरखें। नंगे बदन न रहें। बिना चिकित्सक के सलाह से कोई भी दवा का सेवन न करें।

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