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सीतापुर समाचार 5 /1 /2019

शिक्षा विभाग का दागी कर्मचारी एनआईसी में कैसे हो गया तैनात?
मान लिया जाये सीतापुर में हर कार्य हो रहा शासन की मंशा के विपरीत!
शासन की मंशा पर खरी नही उतर रही डीएम की एनआईसी
सीतापुर। शायन नया साल जिला प्रशासन के लिये मुसीबत लेकर आया है। इस तरह के संकेत नये वर्ष की शुरूआत से मिलने लगे थे। प्रशासन ने तो अपनी वाह वाही के लिये शहर के कुछ इलाको से अतिक्रमण हटवाया लेकिन हटवाया गया अतिक्रम ही आज चर्चाओं को दौर से गुजर रहा है। कायदे में देखा जाये तो जिन लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है प्रशासन ने हटवाकर ठीक कार्य किया है लेकिन इस अतिक्रमण ने जो प्रश्न खड़े कर दिये है वह प्रशासनके लिये मुसीबत भरे है। प्रशासन की इस कार्यवाही से चर्चा होने लगी है कि प्रशासन भूमाफियाओं का साथ दे रहा है। जिन लोगांे अरबो रूपये की सरकारी भ्ूामि पर कब्जा कर रखा है उस अवैध कब्जे को प्रशासन नही हटवा पा रहा है जबकि मुख्यमंत्री आदित्या नाथ योगी के सख्त आदेश है कि जिन लोगों ने सरकारी अथवा नजूल की भूमि पर कब्जा कर रखा है उनको भूमाफियाओं की सूची में डालकर सख्त कार्यवाही की जाये लेकिन कार्यवाही के नाम पर प्रशासन शून्य से ऊपर नही उठ पा रहा है। वहीं डीएम का एनआईसी भी चर्चाअेां के दौर से गुजर रहा हैं। यहां सबसे बड़ी चर्चा तो इस बात की हो रही है कि शिक्षा विभाग का दागी कर्मचारी दिवाकर को एनआईसी में तैनात कर दिया गया है। विभाग व कार्य क्षे़त्र भले ही अलग अलग हो लेकिन दोनेा क्षेत्रो के प्रभारी तो नगर मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश उपाध्याय ही है। श्री उपाध्याय जी की लीलाएं ही निराली है। एक तरफ तो अतिक्रमण भूमि पर बने भवनों को गिराने का डंका पीटा जा रहा है। बैठको में स्वयं जिलाधिकारी शीतल वर्मा कहती हुई सुनी जा रही है कि जनपद में हर कार्य शासन की मंशा के अनुसार होना चाहिए। लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दास्त नही की जायेगी वही दूसरी ओर शासन की मंशा को ताख पर रखकर नीजर जैन जैसे भूमाफियाओं ने नजूल भूमि पर कब्जा कर लिया यह भूमि करोड़ो नही बल्कि अरबो रूपये की है। इस बेस कीमती भूमि पर कब्जा डीएम साहब भी नही हटवा पा रही है बात यही तक रहती तब तो गलीमत थी लेकिन कलेक्ट्रेट में स्थित नगर मजिस्ट्रेट के कार्यलय में श्री उपाध्याय के साथ बैठकर श्रीजैन चाय नाश्ता करते हुए देखे जा रहे हैं। इसका क्या मतलब और क्या संदेश है? नगर मजिस्ट्रेट श्री उपाध्याय संदेश कुछ भी देना चाह रहे तो लेकिन इसमें प्रशासनकी शाख तो गिरती जा रही है। श्री उपाध्याय की कार्यप्रणाली को देखते हुए जनता ने अंदाजा लगाकर कहना शुरू कर दिया हेै कि प्रशासन में बैठे अधिकारी वर्तमान समय में केवल अपने निजी स्वार्थ को महत्व दे रहे है उनके लिये शासनादेश को कोई मायने ही रखता है। नीति चाहे जिसकी रही हो लेकिन एनआईसी के प्रभारी तो नगर मजिस्ट्रेट ही है। वर्तमान समय में शिक्षा विभाग में दागी रहे दिवाकर को एनआईसी में तैनात करदिया गया है। यह बात भी चर्चाओं के दौर से गुजर रही है। श्री उपाध्याय के साथ रहकर मनीष अवस्थी भी इस समय चर्चाओं के दौर से गुजरने लगे है। मनीष ही क्यो वर्तमान समय में पूरा कमरा नम्बर दस चर्चाओं के दौर से गुजर रहे है। सूत्रो की माने तो भ्ूामाफियाओं के मनीष अवस्थी बेहद नजदीकी बताये जा रहे है। जब किसी नजूल भूमि पर भूमाफियाओं को कब्जा करना होता है तो भूमाफिया सबसे पहले मनीष अवस्थी से मिलता है उनकी आवा भगत करता है उसके बाद वह मनीष से रास्ता पूछता हैं। उसके बाद युवक अपने मकसद को अंजाम देता है। सूत्रो द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि वर्तमान समय में नजूल से जुड़े अधिकारियों के लिये मनीष अवस्थी कमाऊ पूत साबित हो रहा है।
विकास कार्य बने अकैचनपुर फरीदपुर के प्रधान की आमदनी का जरिया
शौचयालय निर्माण में भी घोटाला करने के मिल रहे संकेत
सीतापुर। विकास खण्ड लहरपुर के अन्तर्गत पड़ने वाली ग्रामसभा अकैचनपुर फरीदपुर में भी विकास घोटालो के संकेत मिल रहे हैं। सूत्रो का दावा यहा तक किया जा रहा है कि शौचालय निर्माण में भी प्रघान कलीम खां द्वारा गड़बड किया जा रहा हैं। शौचालय आवंटन करने व खाते में रूपये आने पर कुल रकम का एक हिस्सा प्रधान श्री खा द्वारा बतौर मेहनताने के लिया जा रहा है। विद्यालय के मिड डे मील में तो घोटालो हो ही रहा है। अगर समय रहते इस ग्रामसभा पर ध्यान नही दिया गया तो आगामी दिनों में कोई बड़ा मामले सामने आ सकता है जो प्रशासन के लिये गम्भीर स्थित पैदा कर सकते है। धन कमाने मे जुटे प्रधान कलीम खां कुछ ऐसे गम्भीर कार्य कर रहे है जो आगे चलकर काफी खतरनाक साबित हो सकते है। वर्तमान समय में कलीम खां के प्रयास से रसोइये के पद पर एक मुस्लिम विरादरी का युवक तैनात कर दिया गया हैं। वही मिड डे मील का खाना पका रहा है। इस कारण विद्यालय में पढ़ने वाले हिन्दू बिरादरी के छात्र मिड डे मील का खाना नही खा रहे है प्रधान द्वारा उनकेा दो रूपये का बिस्कुट लेकर दिया जा रहा है लेकिन प्रधान कलीम खां द्वारा इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को नही दी गयी है वह सब कुछ अपने आप ही मैनेज करने में जुटे हुए है। अगर इस काण्ड को लेकर कोई गम्भीर स्थित उत्पन्न हो जाती है तो इसका सामना तो प्रशासन को ही करना पड़ेगा। यह बात शायद कलाई खान नही समझ रहे हैं। अगर समय रहते इसकी जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को दे दी जाये तो अधिकारी कोई रास्ता अवश्य ही खोज लेगें। सूत्रो द्वारा दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना को प्रधान कलीम ने अपनी आमदनी का जरिया बना रखा है। ग्रामसभा में जिस किसी को प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत आवास दिया जा रहा है उससे प्रधान कलीम द्वारा बीस से लेकर पच्चीस हजार रूपये की वसूली की जा रही है। बिना रकम लिये पात्र को भी आवास का आवंटन नही किया जाता है। यह बात पूरी ग्रामसभा में चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं सूत्रो द्वारा दावा किया जा रहा है कि प्रधान कलीम द्वारा स्वच्छ भारत मिशन में भी पलीता लगाया जा रहा है। शैचालय निर्माण के नाम पर भी प्रधान ,द्वारा एक मुस्त रकम ली जा रही है। समय समय पर प्रधान कलीम का मामला तूल पकड़ता है लेकिन अपनी मजबूत पकड़ व धन के बल पर प्रधान कलीम खां मामले को दबा देता है। कोई भी अधिकारी कार्यवाही करने की हिम्मत नही जुटपा रहा है।
बताये अधिक पैदावार करने के उपाय
सीतापुर। नेशनल एग्रोमेट एडवायजरी द्वारा किसानों को सलाह दी गयी है कि वह 10 जनवरी तक कृषक रबी फसलों में आवश्यकता के अनुसार सिंचाई करते रहें, देर से बोई जाने वाली गेंहू की प्रजातियों में एच0आई0-1563, डी0बी0डब्ल्यू-16, के-307, के0-9423, के0-9533 के0-9162, एन0डब्ल्यू0-1076 एवं पी0बी0डब्ल्यू-373 की बुवाई के लिये 120 किग्रा0 प्रति हेक्टेयर की दर से बीज का प्रयोग करें। लाईन से लाईन की दूरी 18 से 20 सेमी0 रखी जाये, सरसों की फसल पर एफिड कीट के प्रकोप से बचने के लिये क्लोरोपाइरीफास 20 प्रतिशत ई0सी0 1.0ली0 प्रति हे0 अथवा मोनोक्रोटोफास 36 प्रतिशत एस0एल0 उ500 मिली0 प्रति हे0 500-600 ली0 पानी में घोलकर छिड़काव करें तथा आलू की फसल को पाले एवं कोहरे से बचाव के लिये आवश्यकतानुसार सिंचाई की जाये तथा ब्लाइट डिसीज से बचाव हेतु 10 से 15 दिनों के अंतराल पर मैनकोजेब 2ग्राम प्रति ली0 पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
अपने उत्तरदायित्वों को समझे पर्यवेक्षक- जिला गन्ना अधिकारी
सीतापुर। नव नियुक्त 42 गन्ना पर्यवेक्षकों को आज जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र में गन्ना विकास व गन्ना विपणन से सम्बन्धित विस्तृत व व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। प्रक्षिक्षण का शुभारम्भ करते हुए जिला गन्ना अधिकारी ने उद्बोधन में कहा कि यह प्रशिक्षण, प्रक्षिणार्थी गन्ना पर्यवेक्षकों हेतु उनके कर्तव्यों व उत्तरदायित्वों के निर्वहन हेतु अति महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रशिक्षण के पश्चात् क्षेत्र भ्रमण व एक प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी किया जायेगा तथा प्रशिक्षण पूर्ण होने के उपरान्त प्रमाण-पत्र प्रदान किये जायेंगे। जिला गन्ना अधिकारी ने प्रशिक्षणार्थियों से अपील की कि वह व्यक्तिगत व सार्वजनिक जीवन में समयपालन व अनुशासति रहें तथा जो कार्य उन्हें सौंपे जायें, उनका समय से गुणवत्तापूर्ण सम्पादन करें।प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में श्री श्री नरायण मिश्र, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, महोली तथा सुनील कुमार सिंह, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक, हरगाँव ने पावर प्वाइंट के माध्यम से गन्ना विकास विभाग की पृष्ठभूमि, प्रदेश व जनपद स्तर पर परिदृष्य गन्ना विकास विभाग द्वारा संचालित कृषकोपयोगी योजनाएं, कृषकों की 2022 तक आय दुगुनी करने के मापदण्ड व विधियां गन्ना विकास परिषदों की विधिक स्थिति, परिषदों के कार्य, गन्ना सर्वेक्षण इत्यादि विषयों पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। लंच के पश्चात् द्वितीय सत्र में भूपेश कुमार राय, सचिव, सहकारी गन्ना विकास समिति लि. हरगाँव तथा श्री मुनेन्द्र प्रताप यादव, सचिव सहकारी गन्ना विकास समिति महोली ने पावर प्वाइंट के माध्यम से सहकारी गन्ना विकास समितियों की विधि प्रास्थिति, समिति के कार्य, सदस्यता, सदस्यता शुल्क व अंश, समितियों द्वारा अपने सदस्यों को ऋण वितरण, सट्टा आगणन, आफर, अनुबंध, गन्ना विपणन व गन्ना मूल्य भुगतान के विषय में सैद्धान्तिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जनपद में भ्रमण/निरीक्षण पर आये संजय गुप्ता, उप गन्ना आयुक्त, मुख्यालय/नोडल अधिकारी, परिक्षेत्र लखनऊ द्वारा कर्तव्य एवं दायित्वों के समबन्ध में अवगत कराया गया। प्रशिक्षण में सहयोगार्थ राजेश अस्थाना, वरिष्ठ लिपिक, श्री दिव्यांश सिंह, लिपिक, श्री आदर्श मौर्य, लिपिक व श्री प्रमोद वर्मा लिपिक उपस्थित रहे।
दो लोगो ने खाया जहर महिला की मौत
सीतापुर। जनपद के अलग अलग थाना क्षेत्रों में दो लोगों ने जहर खाकर जानदेने की कोशिश की। हालत बिगड़ने पर उन्हे तत्काल उपचार हेतु जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहंा उपचार के दौरान एक महिला की मौत हो गयी जबकि दूसरे की हालत नाजुक बतायी जा रही है। घटना के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार बिसवां कोतवाली थानान्तर्गत ग्राम चिड़ीमार टोला निवासी तीस वर्षीय इकबाल अहमद पुत्र नियाज अहमद ने पारिवारिक कलह से परेशान होकर जहर का सेवन कर लिया। वहीं इमलिया सुल्तानपुर थानान्तर्गत ग्राम पसनइका निवासी पैतालिस वर्षीय छोटकन्नी पत्नी हरीश ने संदिग्ध कारणों के चलते जहर का सेवन कर लिया। हालत बिगड़ने पर दोनो लोगो को उपचार हेतु जिला अस्तपाल में भर्ती कराया गया। जहंा उपचार के दौरान छोटकन्नी की मौत हो गयी। घटनाओं की सूचना पुलिस को देदी गयी हैं। पुलिस ने शव को सीलकर अन्त्य परीक्षण हेतु भेज दिया है।
सड़क हादसों में तीन लोग घायल
सीतापुर। जनपद के अलग अलग थाना क्षेत्रो में हुए सड़क हादसों में तीन लोग गम्भीर रूप से घायल हो गये। जिन्हे तत्काल उपचार हेतु जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। जहंा उनकी हालत नाजुक बतायी जा रही है। दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय शहर कोतवाली थानान्तर्गत मोहल्ला मन्नी चैराहा निवासी बीस वर्षीय राहुल गुप्ता पुत्र सुरेश गुप्ता सड़क हादसे में घायल हो गये तो वहीं जनपद मुज्जफर नगर के बोरााकेल थानान्तर्गत ग्राम पसनइका निवासी पैंतीस वर्षीय राजीव पुत्र ओमार किसी कार्य से सीतापुर आये थे जो सड़क हादसे में घायल हो गये जिनका उपचार जिला अस्तपाल में कराया जा रहा है। वहीं तम्बौर थानान्तर्गत ग्राम नरियनटोला निवासी बत्तीस वर्षीय तारिक पुत्र मंगरे सडक हादसे में गम्भीर रूप से घायल हो गये। दुर्घटनाओं की सूचना पुलिस को दे दी गयी है। पुलिस ने आवश्यक कार्यवाही करनी शुरू कर दी है।
दबंगो ने महिला को पीटा
महोली-सीतापुर। महोली कोतवाली इलाके में दंबगो ने एक युवती की पिटाई कर दी। जिसके चलते वह गम्भीर रूप से घायल हो गयी। जिसे तत्काल उपचार हेतु जिला अस्तपाल में भर्ती कराया गया है। घटना के सम्बन्ध में मिली जानकारी केअनुसार महोली कोतवाली थानान्तर्गत ग्राम मूडा निवासी पैतीस वर्षीय तारवती पत्नी हरीश की मामूली विवाद को लेकर दबंगों ने पिटाई कर दी। जिसके चलते वह गम्भीर रूप से घायल हो गयी। घटना की सूचना पुलिस को देदी गयी है। पुलिस ने आवश्यक कार्यवाही करनी शुरू कर दी है।
वाह रे मिश्रिख कोतवाल, गम्भीर घटना को हजम कर 151 के तहत दर्ज किया मामला!
कम से कम खाकी की आबरू का तो रख लिया होता ध्यान?
मिश्रिख-सीतापुर। नगर के मोहल्ला थोक निवासी कंजड़ टोला से एक युवक द्वारा जरिए आशिनाई घर से मय जेवरात के भगाकर ले जाई गई किशोरी की येन-केन प्रकारेण दो दिन बाद बरामदगी पुलिसिया कार्यशैली संदेह के कठघरे में जहां पर खड़ा कर रही है वहीं समाज में शान्तिब्यवस्था कायम रखने का शासकीय फरमान भी हवा-हवाई साबित हो रहा है । जानकारी के मुताबिक बीते बुधवार की दोपहर घर में अकेली किशोरी को मोहल्ला थोक के ही कंजड़ टोला का निवासी युवक दीपक पुत्र सूरजबली समाज की रंगीनियों के साथ ही शादी का सब्ज बाग दिखाकर दिन में यहां से होकर बालामऊ जाने वाली ट्रेन में बिठाकर जरिए आशिनाई कहीं भगा ले गया था । युवक के साथ गई किशोरी घर से मां की तीन जोड़ झुमकी व एक नथुनी सोने की और चांदी के एक जोड़े कंगन भी साथ लेकर गई थी देर शाम तक उसके घर वापस न आने पर पिता सहित परिवारी जनों ने खोजबीन शुरू की। तलाश के दौरान हकीकत पता चलने पर पिता रामनरेश ने घटित घटना की रिपोर्ट दर्ज कराने और उसे बरामद किए जाने की तहरीर प्रभारी निरीक्षक को दी लेकिन अपनी मनमानी कार्यशैली के लिए चर्चित यहां की पुलिस ने घटना का पंजीकरण करने के बजाय उसे दबा दिया लेकिन मामला हजम होते न देखकर बीते चार जनवरी को घर से भागी किशोरी और भगाकर ले जाने वाले युवक को धर दबोचा फिर शुरू हुआ पुलिसिया खेल।सम्बन्धित धाराओं में घटना का पंजीकरण व नियमानुसार कार्रवाई न करके पुलिस ने पीड़ित पक्ष और आरोपित पक्ष में लड़ाई झगड़ा करने का आरोप लगाकर घटना का रुख ही नहीं बदल दिया बल्कि सर्किल मजिस्ट्रेट एसडीएम के न्यायालय में मनमानी चालानी रिपोर्ट प्रस्तुत करके दोनों पक्षों को सीआर पीसी की धारा 151के तहत पाबंद करा दिया। लड़की भगाने और उसकी बरामदगी वाले इस प्रकरण में पुलिस की दूषित कार्य शैली जहां खुलकर सामने आ गई है वहीं प्रदेश शासनध्जिले के कप्तान का समाज में शांति व्यवस्था कायम रखने के जारी फरमान की भी पूरी तरह से हवा निकल गई है। मामले में पूछने पर एसडीएम राजीव पाण्डेय ने बताया कि हकीकत क्या है मुझे नहीं मालूम पुलिस की चालानी रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्तों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई की गई है।
थाना अध्यक्ष मानपुर से बड़ा हो गया मुंशी
थानाध्यक्ष के आदेशों को नजरअंदाज कर मुंशी कर रहे मनमानी
सीतापुर। उत्तर प्रदेश सरकार जहां थानों की कार्यशैली को सुधार करने के लिए कवायद में लगी हुई और हर तरह से थानों को दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि वह सही तरीके से अपनी कार्यशैली को करें ताकि जनता सरकार की छवि एक अलग तरीके की बनी और सरकार पर भरोसा हो और इसी क्रम में तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक सीतापुर एल आर कुमार भी लगे हुए हैं और उनकी सख्ती जिस तरीके से नजर आ रही है उसे भी दरकिनार नहीं किया जा सकता क्योंकि सभी को पता है कि पुलिस अधीक्षक सीतापुर की कार्यशैली तत्काल कार्य करने की है और उसमें किसी भी तरीके से कोई हेर फेर नहीं हो सकता है जिसके चलते उन्होंने सीतापुर काफी नाम अर्जित कर लिया है जबकि उनको आए हुए भी जुम्मा जुम्मा हुआ है उसके बाद भी अपनी सख्त कार्यशैली से वह चर्चा में बने हुए लेकिन जिस तरीके से आज भी कुछ स्थानों की कार्यशैली ऐसी नजर आ रही है जो पुलिस अधीक्षक और उत्तर प्रदेश सरकार से परे नजर आ रहे हैं ऐसा ही वाकया सामने आया है की थाने में मोटरसाइकिल दस्तावेजों से संबंधित एफ आई आर के लिए रविंद्र सिंह निवासी फूलपुर थाना मानपुर गए उनके साथ एक सम्मानित पत्रकार बंधु पवन कुमार सिंह भी साथ थे जिस तरीके से मुंशी जी की कार्यशैली नजर आई वह ऐसी प्रतीत हो रही है जैसे कि मानो थाना अध्यक्ष मानपुर से मुंशी जी ऊपर है कहने का तात्पर्य है कि थाना अध्यक्ष मानपुर ओ पी राय से सीनियर हैं क्योंकि जब वहां पर अपनी मोटरसाइकिल के दस्तावेजों से संबंधित प्रार्थना पत्र लेकर दिनांक 5 जनवरी 2019 को थाने पहुंचा और उसके बाद वह मुंशी के कक्ष में गया तो मुंशी जी ने कहा कि थोड़ी देर बाद आना बाहर बैठीये लगभग 20 मिनट बाद व्यक्ति फिर से मुंशी जी के पास पेश हुआ तो फिर यही पुराना राग बता दिया गया कि बाद में आना अभी हम काम कर रहे हैं डाक बनाई जा रही है बाहर बैठ जाइए मामला फिर कुछ लम्हों को रुक गया और फिर कुछ देर बाद यही हुआ जो पहले हुआ था जब इस चीज को देखते हुए कि बार बार उसको दौड़ाया जा रहा है तो संबंधित व्यक्ति ने थानाध्यक्ष मानपुर ओपी राय के पास पहुंचा और साहब को बताया कि उपरोक्त प्रार्थना पत्र में मेरी मोटरसाइकिलन्च्34।ठ8795 के दस्तावेज खो गए हैं महोदय एफआईआर दर्ज करानी है थाना दिवस चल रहा था थाना अध्यक्ष ने हैरानी से देखा और कहा अंदर चले जाओ लेकिन व्यक्ति ने उनको बताया कि वह जा चुका है लेकिन मुंशी जी ध्यान नहीं दे रहे हैं थानाध्यक्ष महोदय ने पास खड़े गार्ड को बुलाया और बड़ी ही शालीनता से कहा अंदर जाकर इस प्रार्थना पत्र को रिसीव कर आइए और इनको दीजिए लेकिन वही हुआ जैसा पहले हुआ था गार्ड साहब बाहर निकल कर आए व्यक्ति ने पूछा साहब प्रार्थना पत्र नहीं लाए गार्ड साहब ने जवाब दिया मुंशी जी के पास रखा है अभी थोड़ी देर में देंगे फिर कुछ देर बाद जाने पर पता चला कि मुंशी जी अपनी कुर्सी छोड़ चुके हैं और बाहर जिससे साफ नजर आता है कि थानाध्यक्ष मानपुर की भी मुंशी जी नहीं सुन रहे हैं और उनके आदेशों को नजरअंदाज कर मुंशी जी अपनी मनमानी कर रहे हैं क्योंकि थानाध्यक्ष ने जब प्रार्थना पत्र को भेजा था तो मुंशी जी को उसे ले लेना चाहिए था और तुरंत ही रिसीव कर कर दे देना चाहिए था जिससे एक उंगली थाना अध्यक्ष मानपुर ओपी राय के प्रशासन के ऊपर भी उठती आखिरकार किस तरीके से प्रशासन चला रहे हैं जो उनकी बात एक मुंशी ही नहीं सुन रहा है तो आम जनता की मुंशी कैसे सुनेगा बताते हैं की साथ में एक सम्मानित पत्रकार भी थे उनके सामने सारा वाकया हुआ और प्रार्थना पत्र देने वाला मुंशी के चक्कर काटता रहा लेकिन मुंशी जी ने एक बार भी उसकी तरफ नहीं देखा और साफ मना कर दिया थोड़ी देर बाद आना थोड़ी देर का मतलब समझ में आता और प्रार्थना पत्र न रिसीव करने का मतलब क्या है? यह सभी को समझना चाहिए और इसको शालीनता से और संज्ञान में लेना चाहिए जब इसी तरीके से थानों की कारगुजारी आ चलती रही तो पीड़ितों को न्याय मिलने में कितना समय लगेगा यह समझा जा सकता है एक प्रार्थना पत्र को रिसीव नहीं किया गया यह अपने आप में एक बहुत बड़ी बात है क्योंकि उसको स्वयं ही थानाध्यक्ष ने मुंशी के पास भेजा था इस तरीके से मामला चल रहा है भाजपा सरकार और उत्तर प्रदेश के योगी नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर रहा कि जब इस तरीके से थानों का हाल है तो आगे क्या कहा जा सकता है अब इस पर कोई कार्यवाही मुंशी जी के ऊपर होगी या फिर नहीं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन जिस तरीके से यह वाकया हुआ उसने थाना मानपुर की पोल जरूर खोल दी है जिससे मुंशी के ऊपर कार्यवाही होना आवश्यक बनती जा रही है अब इस पर उच्चाधिकारी क्या करेंगे मुंशी जी को कोई जवाब देना होगा या फिर मामला इसी तरीके से थाना अध्यक्ष की नजर अंदाज जी का चलता रहेगा अब इस पर कुछ कहना उचित नहीं होगा क्योंकि यह प्रशासन का मामला है।
कहीं थाने में चल तो नहीं रहा प्रार्थना पत्रों पर 100 रूपये का खेल?
सीतापुर। जिस तरीके से थाना मानपुर को देखा गया वह पुलिस प्रशासन के ऊपर सवाल खड़ा करता है कि आखिरकार जाने वाले आगंतुकों को थाने में जाने से क्यों डर लगता है और सवाल खड़ा हो रहा है कि कहीं थाना मानपुर में प्रार्थना पत्र रिसीविंग पर मुंशी जी का 100 रूपये का खेल तो नहीं चल रहा है? नहीं तो इस पर विचार क्यों नहीं किया गया की व्यक्ति आया है और उसका प्रार्थना पत्र रिसीव कर लिया जाए तो उसको दौड़ाने का मतलब क्या है? जब स्टंप से मोहर ही लगानी थी,लेकिन जब ऐसा देखा की दौड़ाया जा है तो व्यक्ति अपना प्रार्थना पत्र लेकिन वापस हो गया हालांकि यह काफी चर्चाओं में आ रहा है और इस तरीके से सम्मानित पत्रकार के साथ गए बंधुओं के साथ यह जो घटना घटी तो इसे साफ हो जाता है की दाल में कुछ काला है जिससे इसकी गोपनीय जांच उच्चाधिकारियों को करानी चाहिए सारा मामला खुद-ब-खुद दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
प्रार्थना पत्र न लेना पड़े मुंशी कहीं इसलिए तो नहीं छोड़ गए कुर्सी?
सीतापुर। थाना मानपुर मुंशी कक्ष में कई बार चक्कर लगाने के बाद जब मामला थाना अध्यक्ष मानपुर के पास पहुंचा तो गार्ड को प्रार्थना पत्र दिया गया उसके बाद गार्ड से पूछने के पता चला थोड़ी देर बाद मिलेगा कुछ देर रास्ता देखा गया तब तक मुंशीजी अंदर ही थे लेकिन जब कुछ देर बाद व्यक्ति प्रार्थना पत्र को लेने पहुंचा तो पता चला मुंशीजी बाहर गए हैं कुछ देर वहीं पर खड़े होकर रास्ता देखा गया | लेकिन लगभग 15 मिनट बाद तक कोई नहीं आया तो व्यक्ति को अपना प्रार्थना पत्र वापस लेकर बैरंग ही आना पड़ा जिससे साफ होता है की प्रार्थना पत्र रिसीव न करने की वजह ही तो नहीं था जो मुंशी जी कुर्सी छोड़ गए मामला जो भी हो अब उच्चाधिकारी कितना संज्ञान लेते हैं यह देखना होगा क्योंकि यह कोई आम नहीं गंभीर विषय है और उच्चाधिकारियों को इस पर संज्ञान लेना अत्यंत आवश्यक बनता है।

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