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सीतापुर के तमाम देशभक्तों ने देश रक्षा के लिए लड़ते-लड़ते अपने प्राणों की आहूति दी है

सीतापुर  | अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सीतापुर (ई0) उ0प्र0 द्वारा एवं भारत देश का स्वर्णिम इतिहास रहा है कि अपने देश की मातृभूमि की रक्षा के लिए भारत देश के सैनिकों एवं राजाओं का बलिदान इतिहास के पन्नों में भरा हुआ है। भारत देश में बहुत ही महापुरूषों का जन्म हुआ है। जैसे- शूरवीर महाराणा प्रताप जी, वीर शिवाजी, पृथ्वीराज चैहान, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, वीर कुंवर सिंह, तात्या टोपे, नाना साहब पेशवा, राव रामबक्श सिंह, राना बेनी माधव सिंह, उमराव सिंह, गुलाब सिंह, दिग्विजय सिंह, हरिदत्त सिंह एवं ‘‘जनपद सीतापुर (उ0प्र0) के चहलारी नरेश बलभद्र सिंह ने 1857 की क्रान्ति में अद्भुत शौर्य एवं वीरता का अदम्य साहस से युद्ध करते हुये वीर भूमि में अपनी मातृभूमि एवं भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों को युद्धभूमि मंे न्योछावर कर दिया।‘‘ यद्यपि जनपद सीतापुर के तमाम देशभक्तों ने देश रक्षा के लिए लड़ते-लड़ते अपने प्राणों की आहूति दी, लेकिन अंग्रेजों के प्रलोभनों को ठुकराते हुये चहलारी नरेश बलभद्र सिंह ने अपनी भारत माता की रक्षा की आन-बान के लिए अंग्रेजों के प्रलोभनों को ठुकराते हुये उन्होंने अंग्रेजों की दास्ता स्वीकार न करते हुये अपनी भारत माता के लिए/भारत देश की रक्षा के लिए युद्ध लड़ना पसन्द किया न कि अंग्रेजों की दास्ता स्वीकार की और युद्ध लड़ते-लड़ते अंग्रेजी सेना के बड़े-बड़े अधिकारियों को धूल धूसरित करते हुये अंग्रेजी सेना के छक्के छुड़ाते हुये दिनांक 13 जून 1858 को युद्धभूमि में वीरगति को प्राप्त हुये। चहलारी नरेश बलभद्र सिंह का बहुत से इतिहासकारों ने अपनी-अपनी पुस्तकांे मंे इनके देशभक्ति एवं वीरता के सम्बन्ध मंें वर्णन किया है तथा उसका वर्णन सीतापुर (उ0प्र0) के गजेटियर में भी आज भी देखने को मिलता है। माननीय महोदय से अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सीतापुर (ई0) उ0प्र0 ने माननीया कैबिनेट मंत्री/प्रभारी मंत्री महोदया को पाॅच सूत्रीय मांग पत्र प्रेषित किया। 1. उ0प्र0 में सबसे लम्बा(3 किमी0)-चैड़ा पुल चहलारी घाट पर बना हुआ है जो कि चहलारी नरेश बलभद्र सिंह की जन्मभूमि के साथ इतिहास के पन्नों में आज भी स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। चहलारी घाट के पुल का नाम चहलारी नरेश बलभद्र सिंह के नाम पर सेतु का नाम रखने की मांग करती है।  2. रेउसा चैराहे पर चहलारी नरेश वीर अमर शहीद वीर बलभद्र सिंह की प्रतिमा का निर्माण कराया जाये।  3.चहलारी नरेश वीर बलभद्र सिंह के जीवन से जुड़ी हुयी यादें एवं कृतियों का संग्रह करते हुये चहलारी घाट पर बलभद्र सिंह संग्रहालय एवं शिलालेख का निर्माण कराने की मांग की जाती है। 4.चहलारी नरेश वीर बलभद्र सिंह का जीवन परिचय एवं शिक्षा क्षेत्र की पुस्तकांे में  स्थान देकर उनका गौरव बढ़ाये जाने की मांग की जाती है।  5.अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सीतापुर (ई0) उ0प्र0 माननीय मुख्यमंत्री महोदय से उम्मीद ही नहीं अपितु पूरे विश्वास एवं निष्ठा के साथ यह मांग पत्र द्वारा माननीया कैबिनेट मंत्री/प्रभारी मंत्री महोदया सीतापुर जी को सादर सेवा में समर्पित है।  आज दिनांक 18.06.2017 ई0 को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा सीतापुर (ई0) उ0प्र0 के जिलाध्यक्ष सुनील सिंह गौर एड0 के नेतृत्व में पी0डब्ल्यू0डी0 गेस्ट हाऊस सीतापुर में उ0प्र0 की माननीया कैबिनेट मंत्री/प्रभारी मंत्री सीतापुर को पाॅच सूत्रीय मांगपत्र माननीया मंत्री रीता बहुगुणा जोशी जी को सौंपा गया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष सुनील सिंह गौर एड0, महिला वीरांगना जिलाध्यक्ष इन्दू सिंह चैहान, महिला वीरांगना जिला महामंत्री जया सिंह एड0, मालती सिंह, जिला उपाध्यक्ष अखण्ड प्रताप सिंह, प्रताप सिंह, दीपेन्द्र भदौरिया, रिपुदमन सिंह, रविराज सिंह, कुंवर वरूण सिंह तोमर, शशि प्रताप सिंह ‘‘राजा भईया‘‘, वीरेन्द्र सिंह चैहान आदि सभी लोगों ने कैबिनेट मंत्री को मांगपत्र दिया गया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस सम्बन्ध मंे शासन स्तर से वार्ता कर चहलारी नरेश वीर शहीद बलभद्र सिंह के नामकरण एवं अन्य मांगों पर विश्वास दिलाया।

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