निघासन खीरी। मुंसिफ कोर्ट चालू कराने व तहसील परिसर में पुराने खंडहर अनुपयोगी तहसील भवन को ध्वस्त कराए जाने की मांग की।
बताते चलें कि तहसील अधिवक्ता संघ के वकीलों ने शनिवार को डीएम अरविन्द कुमार चौरसिया को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन के माध्यम से वकीलों ने अवगत कराया कि तहसील निघासन में वर्ष 1986 में मुंसिफ कोर्ट की स्थापना के लिए भूमि आरक्षित की गई थी जिसका उद्देश्य उसके आसपास के सिंगाही, तिकुनियां, ढखेरवा चौराहा, मझगईं आदि स्थानों जिनकी दूरी जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर है वहां के निवासियों को सस्ता व सुलभ न्याय दिलाने के लिए व गरीब जनता को जिला मुख्यालय तक भागदौड़ व पैसों के अपव्यय को बचाने के उद्देश्य से वर्ष 2012 में मुंसिफ न्यायालय भवन का निर्माण प्रारंभ हुआ। जो कि लगभग 3 वर्ष पूर्व पूर्णरूप से बनकर तैयार हो चुका है। लेकिन किन्ही कारणों से अभी तक मुंसिफ कोर्ट में न्यायिक कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। जिससे यहां के लोगों को जिला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ रही है।करोड़ों की लागत से बना मुंसिफ न्यायालय का मनतव्य विफल हो रहा है। निर्मित मुंसिफ न्यायालय में यथाशीघ्र न्यायिक कार्य प्रारंभ कराये जाने की मांग की है।साथ ही ज्ञापन के माध्यम से वकीलों ने बताया कि तहसील निघासन में नया तहसील भवन बन चुका है जिसमें लगभग बीते पांच वर्षो से कार्य चल रहा है तहसील परिसर में पुराना भवन पूर्ण रूप से खंडहर में तब्दील हो चुका है जिसमें जहरीले सांप,कीड़े मकोड़ों ने अपना बसेरा बना लिया है। जिसका अभी तक ध्वस्तीकरण नहीं कराया गया है जिससे जनसामान्य को उठने बैठने में काफी असुविधा हो रही है। इसलिए संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर पुराने अनुपयोगी खंडहर नुमा भवन का ध्वस्तीकरण का कार्य कराए जाने की भी मांग की है।
इस दौरान तहसील अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुबोध कुमार पाण्डेय, मंत्री सर्वेश मिश्रा,उपाध्यक्ष उमाकांत जायसवाल, रमेश भार्गव,बीपी श्रीवास्तव, राकेश वैश्य, राजू गिरि,चंद्रप्रकाश,छोटे लाल वर्मा,मो०लतीफ, मो०इजहार, रमेश गोस्वामी, मो०अमीन, सोनेलाल सहित अन्य वकील मौजूद रहे