लखीमपुर खीरी, (वेबवार्ता)। जिले से लेकर लखनऊ तक के बदहाल सिस्टम ने मान्यता प्राप्त पत्रकार यासीन की जान ले ली। सड़क हादसे में घायल होने के बाद यासीन को जिला अस्पताल लखीमपुर में भर्ती कराया गया था जहां एक दिन तक डॉक्टरों ने परिजनों को अंधेरे में रखा। जिला अस्पताल के डॉक्टर चाहते तो पत्रकार की जान बच सकती थी मगर उन्होंने गेंद लखनऊ स्वास्थ्य विभाग के पाले में फेंक दी। रेफर करने के बाद घंटों तक एम्बुलेंस नहीं मिली। फिर किसी तरह एम्बुलेंस मिली तो रविवार की रात ट्रामा सेंटर लखनऊ में भर्ती कराया गया। 12 घन्टे तक कोरोना रिपोर्ट इन्तजार में वहां भी इलाज नहीं किया गया। हादसे में घायल पत्रकार के दिमाग मे क्लॉटिंग बढ़ गई थी। चार दिन बाद कल रात परिवार की फिर से मिन्नतों पर ऑपरेशन किया गया। पांचवे दिन ऑपरेशन के कुछ घन्टे बाद पत्रकार की मौत हो गई। बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं से हुयी मौत को लेकर पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है। पत्रकार यासीन शहर के मोहल्ला ईदगाह निवासी थे।