Home > अवध क्षेत्र > राज्यमंत्री उच्च शिक्षा एवं प्रोधौगिकी ने किया सम्मेलन का शुभारम्भ

राज्यमंत्री उच्च शिक्षा एवं प्रोधौगिकी ने किया सम्मेलन का शुभारम्भ

कानपुर नगर | ओफ्थल्मोलाॅजिकल सोसइटी एवं कानपुर ओफ्थल्मोलाॅजिक सोसाइटी द्वारा मेडिकल काॅलेज में नेत्र विभाग में पोस्ट ग्रेजुएट कर रहे छात्रों एवं नेत्र सहायकों के प्रशिक्षण कार्यशाला का उदघाटन मुख्य अतिथि नीलिमा कटियार राज्यमंत्री उच्च शिखा एवं प्रोधौगिकी, उ0प्र0 सरकार द्वारा किया गया। उन्होेन अपने संबोधन में कहा कि यह आयोजन अपने सभी उददेश्यों की पूर्ति करे एसी मेरी प्रभु से प्रार्थना है। कहा ऐसे आयोजन जिनसे की नेत्र चिकित्सा में परास्नातक कर रहे चिकित्सकों को एवं नेत्र सहायकों को अत्याधुनिक नेत्र चिकित्सा में होने वाले परीक्षणों से जो ज्ञान हसिल होगा उससे समाज को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा देने में सहायता मिलेगी। प्रथम चरण में डा0 सुकान्त पांडे ने ओसीटी जिसके माध्मय से आंख के परदे में होने वाली बहुत सी बीमारियों के विषय में विस्तार से बताया वहीं दूसरे चरण में डा0 सोनाली भल्ला ने वीएफए के विषय में व्याख्यान दिया। इस जांच के माध्यम से आंख में संबलबाई से होने वाले नस में पडने वाले प्रभाव की जांच की तथा बताया कि इससे मरीज को धीरे-धीरे दिखना बंद हो जाता है। जांच के माध्यम से ही मरीज में फील्ड ऑफ विजन की जांच होती है और उसी अनुसार ईलाज संभव हो पाता है। तीसरे चरण में डा0 डीजे पाण्डेय ने आंख के भेंगापन के परीक्ष की विधियों एवं किस प्रकार से उसे ठीक किया जाये, उसकी बहुत सी मसल्स एक्सरसाइज एवं शल्य चिकित्सा के विषय में जानकारी दी। डा0 अश्वनी कुमार ने लो विजन एड्स के विषय में बताया क्योंकि आंख के परदे की बीमारियों के कारण से मरीज को दिखना काफी कम हो जाता है, यहां तक की कभी-कभी मरीज अपने हस्ताक्षर करने में असमर्थ हो जाता है। इसमें उपयोग होने वाले बहुत से लेन्सेस और चश्मों के बारे में भी जानकारी दी। डा0 पारिजात चन्द्र ने आरओपी के विषय में व्याख्यान दिया तथा आरओपी नवजात शिशुओं में जिनका जन्मसमय से पहले या अत्यधिक कमजोर जन्म लेने वाले बच्चो जिसमें ऑक्सीजन की कमी के कारण आंख के पर्दो में प्रभाव आ जाता है कहा ऐसे शिशुओं का नेत्र परीक्षण अवश्य होना चाहिये ताकि उनहे नेत्र हीनता से बचाया जा सके। डा0 लोकेश अरोराद्व डा0 कुलदीप विश्वकर्मा ने मोतियाबिंद के ऑपरेशन फेंकोएमल्सिफिकेशन विधि के विषय में बताया व अंतिम चरण में डा0 मोहित खत्री द्वारा इंट्रावित्रिअल इंजेक्शन के विषय में चर्चा की। इस अवसर पर डा0 स्वपन सामता, डा0 अवध दुबे, डा0 एएम जैन, डा0 शरद बाजपाई, डा0 आरएन कुशवाहा, डा0 मनीष सक्सेना, डा0 गौरव दुबे, डा0 निखिल कुमार व अन्य नेत्र विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *