कानपुर देहात, (वेबवार्ता)। देश में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर शनिवार सुबह से वैक्सीन का टीका करण शुरू हो गया है। सभी टीकाकरण केंद्रों पर डॉक्टर, पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। पहले चरण में केवल स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जा रहा है। इस दौरान अमरौधा सीएचसी में तैनात एक महिला डॉक्टर ने वैक्सीन लगाने से साफ मना कर दिया। वहीं, पुखरायां सीएचसी में एक स्टाफ नर्स टीका लगाने से पहले ही बेहोश हो गई।
कोविड के टीकाकरण को लेकर जनपद प्रशासन ने सुबह से सभी तैयारियां कर ली थी। कानपुर देहात में अकबरपुर, झींझक और पुखरायां में वैक्सीनेशन का काम शुरू कराया गया है। पहले चरण में 100 स्वास्थ्य कर्मियों को टीकाकरण लगाया जाना है। वैक्सीन टीकाकरण के लिये पहले पंजीकरण किया जा रहा है, इसके बाद टीकाकरण कक्ष में वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है। बाद में उसे प्रतीक्षालय कक्ष में 30 मिनट के लिये आराम कराया जा रहा है। टीकाकरण केंद्र को गुब्बारे से सजाया गया है। पुखरायां सीएचसी में जहाँ कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाने आये स्वास्थ्य कर्मी कुलदीप को नोडल अधिकारी डॉक्टर ए. पी. वर्मा ने माला पहनाकर स्वागत किया। कुलदीप ने सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन लगवाई। जहां सभी स्वास्थ्य कर्मी कोरोना वैक्सीन लगाव रहे थे तो वही जनपद के अमरौधा पीएचसी में तैनात डॉक्टर प्रियंका ने कोरोना वैक्सीन लगवाने से इनकार कर दिया। जब मीडिया द्वारा प्रियंका से बात की गई तो उन्होंने कहा हम कोरोना वैक्सीन नहीं लगाएंगे। मेरे बिना पूछे ही मेरा नाम वैक्ससीनेश सूची में क्यों डाल दिया गया।
पुखरायां सीएचसी में एक स्टाफ नर्स नीता कोरोना वैक्सीन लगवाने के भय से गश खाकर गिर गयी। मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने नर्स का इलाज शुरू किया। डॉक्टरों की माने तो यह भय के कारण हो गया। वही, पुखरायां सीएचसी के नोडल अधिकारी डॉक्टर ए. पी. वर्मा ने बताया कि कोरोना की वैक्सीन लगवाई जा रही है। टीका लगवाने वाले का पहले पंजीकरण होता है बाद में टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। जिस डॉक्टर ने वैक्सीन लगवाने से मना किया है जांच करके कार्यवाही भी करवाई जाएगी।