कानपुर। 23 दिसंबर 2023 को मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती के पावन उपलक्ष्य पर इस्कॉन कानपुर ने अति भव्य महोत्सव का आयोजन किया।
मोक्षदा एकादशी के ही दिन पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र की रणभूमि में आज से 5000 वर्ष पूर्व यह गुह्यतम ज्ञान प्रदान किया।
सर्वोपनिषदो गावो दोग्धा गोपालनन्दनः ।
पार्थो वत्सः सुधिभोक्ता दुग्धं गीतामृतं महत् ।।
“यह गीतोपनीषद, भगवद्गीता, जो समस्त उपनिषदों का सार है, गाय के तुल्य है और ग्वालबाल के रूप में विख्यात भगवान् कृष्ण इस गाय को दुह रहे है । अर्जुन बछड़े के समान है, और सारे विद्वान् तथा शुद्ध भक्त भगवद्गीताके अमृतमय दूध का पान करने वाले हैं ।” (गीता महात्म्य ६)
श्रीमद्भगवद्गीता समस्त वैदिक शास्त्रों के निष्कर्ष को प्रस्तुत करती है और ब्रह्म, जीव ,प्रकृति, कर्म और काल जैसे विषयों पर संपूर्ण ज्ञान प्रदान करती है।
प्रति वर्ष इस्कॉन संस्था दिसंबर महीने में गीता जयंती के उपलक्ष्य पर संपूर्ण विश्व में गीता मैराथन का आयोजन करती है जिसके माध्यम से इस दिव्य ग्रंथ को वितरित करने का लक्ष्य रखा जाता है। इस वर्ष विश्व भर के इस्कॉन केंद्र के द्वारा 37 लाख भगवतगीता वितरित करने का लक्ष्य रखा गया। इस वर्ष जितनी भी श्रीमद्भगवद्गीता स्पॉन्सर की जाएऊगी उन्हें इस्कॉन द्वारा अयोध्या में श्री राम मंदिर के पुण्य उद्घाटन के सुअवसर पर वितरित किया जाएगा।
इस्कॉन कानपुर में भक्तों द्वारा संध्या काल संपूर्ण भगवद्गीता का सुमधुर पाठ किया गया ।
प्रातः कालीन आध्यात्मिक सत्र में श्रीमान कुर्मावतार प्रभु जी के द्वारा श्रीमद्भगवद्गीता के सार के ऊपर अत्यंत सुंदर व्याख्या प्रस्तुत की गई।
उन्होंने चतुश्लोकी भगवद्गीता के द्वारा संपूर्ण गीता के रहस्य को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया।
मंदिर अध्यक्ष श्रीमान प्रेम हरि नाम प्रभु जी ने अत्यंत सुंदरता के साथ ग्रंथ वितरण की महत्वपूर्ण भूमिका के विषय में बताया एवं यह शिक्षा दी कि यदि गीता के ज्ञान को गुरु परंपरा के माध्यम से यथारूप ग्रहण किया जाए तो हम भी अर्जुन के समान ही सौभाग्यशाली माने जाएंगे।
भगवदगीता जयंती के इस अवसर पर एमराल्ड गार्डन सोसायटी में भगवद्गीता वितरण एवं संकीर्तन के कार्यक्रम को हर्षोल्लास से आयोजित किया गया।
पूरे महीने इस्कॉन के भक्ति विभिन्न स्थानों ,विद्यालयों ,कॉरपोरेट कंपनियों में जाकर श्रीमद्भगवद्गीता के दिव्य उपदेश को जन-जन तक पहुंचाने की मुहिम में शामिल रहते हैं। निश्चित ही ही श्रीमद्भगवद्गीता संपूर्ण विश्व के लिए एक अनुपम, अतुलनीय उपहार है।