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शासनिक अधिकारियों की उपेक्षा का दंश झेल रहा पवित्र दधीचि कुंड तीर्थ।

सीतापुर। मिश्रित सीतापुर / महर्षि दधीचि की पावन तपो भूमि कस्बा मिश्रित हमेशा से त्याग और तपस्या का केंद्र रहा है । यहां पर स्थित सतयुग कालीन महर्षि दधीचि आश्रम व दधीचि कुंड तीर्थ इस बात का ठोस गवाह है यहां पर तपस्या करने वाले महर्षि दधीचि ने लोक कल्याण हेतु अपनी अस्थियों तक का दान इंद्र आदि देवताओं को दे दिया था । जिससे वज्र आदि विभिन्न अस्त्रों का निर्माण हुआ था । उन अस्त्रों से दैत्यों का देवताओं ने संघार किया था । यहां पर स्थित दधीचि कुंड तीर्थ में त्रैलोक के तीर्थों का जल मिश्रित होने के कारण बताया जाता है । जो ब्यक्ति सभी तीर्थों का तीर्थाटन नहीं कर पाता है । वह अगर एक बार मिश्रित आकर दधीचि कुंड तीर्थ में स्नान कर लें । तो उसको सभी तीर्थों का फल प्राप्त होता है । ऐसा पवित्र तीर्थ आज प्रशासनिक अब्यवस्थाओं के चलते अपनी दयनीय दशा पर आंशू बहा रहा है । नगर पालिका में तैनात अधिशासी अधिकारी व तहसील में तैनात उपजिलाधिकारी इस पवित्र तीर्थ की ओर कोई ध्यान नही दे रहे है । दधीचि कुंड तीर्थ में जल निकासी की कोई व्यवस्था न होने के कारण जल काफी दूषित हो गया है । जिससे आए दिन तीर्थ की मछलियां मर रही है । प्रति दिन साफ सफाई न होने के कारण तीर्थ परिसर में काफी गंदगी ब्याप्त है । तीर्थ में नया जल न भराने के कारण जल में काई और गंदगी जमा हो गई है । जिससे लोग अब इस तीर्थ में स्नान करना तो बहुत दूर की बात है । श्रध्दालु मार्जन तक करना पसंद नहीं कर रहे है । तीर्थ में जल फिल्टर करने हेतु लगवाई गई मशीने भी बंद पड़ी है । महर्षि दधीचि आश्रम के महंत देवानंद गिरी व मंदिर पुजारी राहुल शर्मा कई बार यहां के प्रशासनिक अधिकारियों से तीर्थ की ब्यवस्थाओं को दुरुस्त कराने हेतु कह चुके है । फिर भी तीर्थ की ब्यवस्थाऐं अभी तक दुरुस्त नही कराई जा सकी है । इस लिए आश्रम के महंत व पुजारी सहित स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर आकर्षित कराते हुए दधीचि कुंड तीर्थ की सभी ब्यवस्थाऐं दुरुस्त कराए जाने की मांग की है।

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