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देव दीपावली के अवसर पर कानपुर महानगर के घाट जगमगा उठे


कानपुर नगर। कानपुर के 24 घाटों पर पुरे विधि विधान से देव दीपावली मनाई गई। इस दौरान लोगों ने घाटों पर श्रद्धा दीप जलाए। शुक्रवार की शाम लोगों की भीड़ घाटों पर उमड़ने लगी और मां गंगा की महाआरती के साथ देव दीपावली का आगाज हुआ। देव दीपावली समिति के अध्यक्ष बाल योगी महाराज अरुण पुरी द्वारा सिद्धनाथ घाट पर मां गंगा की पूजा अर्चना एवं आरती कर 5100 दीपों का दान किया गया। घाटों के चारों तरफ जलते हुए दीप  घाट की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे थे। ऐसे में शाम आठ बजे तक गंगा किनारे का दृश्‍य काफी अद्भुत था। कहीं रंगोली के रूप में दिए जलाए गए, तो कहीं जलते हुए दीयों से देव दीपावली लिखी गई।और कहीं कहीं पर शुभ लाभ पर दीप जलाए गए। थोड़ी देर के लिए ऐसा लगा मानो कानपुर शहर इस घाट पर उमड़ पड़ा हो। कानपुर नगर के गंगा देव दीपावली समिति द्वारा आज 19 नवंबर को महानगर के 24 गंगा घाटों पर देव दीपावली मनाकर एक लाख दीपों का दान किया गया। केंद्रीय प्रोग्राम अटलघाट पर हुआ , जहां शाम चार बजे से भजन संध्या के साथ ही गंगा महाआरती भी आयोजन हुआ। इस मौके पर गाय के गोबर से बने 11 हजार दीप गंगा में दान किये गए। इसके अलावा रंगोली आदि के भी प्रोग्राम से सज सज्जा में चार चांद लग गए । गंगा में आंटे से बने दीये भी दान किये गए, जिससे मछलियों को भोजन भी मिल सके। बिठूर से लेकर ड्योढ़ी घाट तक 24 गंगा घाटों पर हुए देव दीपावली पर दीपोत्सव। इनमें बिठूर के ब्रह्मावर्त घाट के अलावा बिठूर का लक्ष्मण घाट, पेशवा घाट, अटलघाट, मैगजीन घाट, रानी घाट, भैरोघाट, गणेश घाट, आनंदेश्वरघाट परमट, कमलेश्वर घाट परमट, श्यामघाट, कालीघटिया घाट, बाबा घाट, सरसैया घाट, भगवतदास घाट, गुप्तार घाट, नानाराव घाट, गोला घाट, कोयला घाट, डबकेश्वर घाट, बंगाली घाट, सिदनाथ घाट, शेखपुर घाट और ड्योढ़ी घाट शामिल रहे। इन सभी घाटों पर दीपोत्सव के लिये अलग-अलग समितियां बनाई गई थी। गंगा दीपोत्सव प्रोग्राम में प्रशासनिक अधिकारी और जन प्रतिनिधि मौजूद रहें।

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