संवाददाता कुलदीप मिश्रा
हरियावां,हरदोई। सुमई गांव में शांति कुंज हरिद्वार के तत्वावधान में अयोजित चार दिवसीय 9 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा के पहले दिन प्रज्ञा पुराण कथा में टोली नायक प्रियंक दीक्षित ने कहा कि अब प्रज्ञा का अवतार हमारे मस्तिष्क में होगा और वह प्रत्येक व्यक्ति जिसकी प्रज्ञा यानी बुद्धि जागृत होगी वह स्वयं में देवता होगा अवतारी होगा। उन्होने कहा कि धर्म अनुकूल आचरण करने पर ही आप यश के भागी बनते हैं। संपत्ति अगर अनैतिक ढंग से अर्जित की गई है तो वह नाश का कारण बनती है प्रज्ञा पुराण इस युग का पुराण है इसमें वर्तमान को संभालते हुए भविष्य को संभालने की शिक्षा दी गई है।इस कथा में मानव में देवत्व का उदय कैसे हो ये शिक्षा दी गयी है।कार्यक्रम व्यवस्थापक आरबी शर्मा ने कथनी नही आचरण के माध्यम से दी गयी शिक्षा को सर्वश्रेष्ठ शिक्षण बताते हुए कहा कि त्यागमूर्ति गुरुदेव ने अपने सारे जीवन प्रयोगशाला बनाया।उन्होंने गुरुदेव की उक्ति “कथनी करनी भिन्न जहाँ है, धर्म नही पाखंड वहाँ है”का उदाहरण दिया।संगीत टोली प्रमुख सतीश तिवारी ने प्रज्ञा गीतो के माध्यम से समाज सुधार का संदेश दिया। कार्यक्रम की व्यवस्थाये संयोजक रणवीर सिंह, राघवेंद्र सिंह,अजय कुमार सिंह, रघुनंदन शर्मा,विश्व राज सिंह,ब्रजराज, सर्वेंन्द्र सिंह, पूजा,संध्या, वंदना,दिव्यांशी,प्रतिभा सिंह और ज्योति ने देखी।