Home > अवध क्षेत्र > अयोध्या > आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह माह की आयु पूर्ण करने वाले बच्चों को अन्नप्राशन कराया गयाः-बुद्वी मिश्रा

आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह माह की आयु पूर्ण करने वाले बच्चों को अन्नप्राशन कराया गयाः-बुद्वी मिश्रा

हरदोई |जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्वी मिश्रा ने बताया है कि पोषण माह के दौरान आज जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर छह माह की आयु पूर्ण करने वाले बच्चों को अन्नप्राशन कराया गया एवं बाल सुपोषण उत्सव का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत जो बच्चे छह माह के हो चुके हैं उनको पहली बार खीर अथवा कोई भी स्थानीय पारंपरिक व्यंजन के माध्यम से बच्चों को पहली बार अन्न का स्वाद चखाया जाता है। यह संस्कार इसलिए केंद्रों पर आयोजित किया जाता है जिससे बच्चों की माताओं को जागरूक किया जा सके कि छह माह के पश्चात बच्चे को ऊपरी आहार की शुरुआत कर देनी चाहिए जिससे बच्चे के तेजी से बढ़ रहे शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति हो सके। सुपोषण उत्सव के अंतर्गत छोटे बच्चों की माताएँ अपने घर से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर लाती है, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर लाती है और बच्चों को खिलाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य भी माताओं को इस बात के लिए जागरूक करना है कि वह अपने बच्चों को दूध के साथ साथ अन्य उपरी आहार भी दें और बच्चे का भोजन बड़ों के भोजन से अलग होता है। बच्चों का भोजन ऐसा होना चाहिए जो देखने में आकर्षक हो जिससे बच्चा भोजन की तरफ आकर्षित हो साथ ही साथ भोजन में पोषक तत्वों का समावेश भी होना चाहिए। इसलिए आज के दिन कार्यकर्ता द्वारा विभाग द्वारा दिए जा रहे पोषाहार के अनेक प्रकार के व्यंजन बनाकर लाए जाते हैं जिससे माताएँ यह जान सकें कि किस प्रकार एक ही वस्तु से विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं तथा यदि बच्चा पोषाहार नहीं खा रहा है तो उसे और किस रूप में व्यंजन बनाकर खिलाया जा सकता है। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा भी महिलाओं को बच्चों को ऊपर आहार देने के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किये गये। इसी प्रकार पंचायतीराज, कृषि और आपूर्ति विभाग के सहयोग से गांवों में पोषण हॉट का भी आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न प्रकार के स्थानीय एवं पौष्टिक सब्जियों, फलों एवं अनाजों का प्रदर्शन किया गया एवं उनसे मिलने वाले पोषक तत्वों तथा उनसे बनने वाले विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के बारे में जानकारी ग्रामवासियों को दी गई। जिससे वह अपने बच्चों के भोजन में इन वस्तुओं का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें और अपने बच्चों को पौष्टिक भोजन खिलाएँ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *