कानपुर नगर | सर्दी बढने के साथ साथ जहां हर उम्र के लोग इससे प्रभावित है वहीं छोटे बच्चों में सर्दी की शिकायते ज्यादा हो गयी है। छोटे बच्चे लगातार कोल्ड डायरिया की चपेट में आते जा रहे है जिससे उन्हे सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही है। कोल्ड डारिया के कारण बच्चो को उलटी दस्त हो रहे है और बाल रोग विभाग हैलट में लगातार बच्चों की संख्या इस रोग के कारण बढती जा रही है। इसके साथ ही सर्दी के शिकार बच्चों में जुकाम, बुखार व वायरल के भी बच्चे पहुंच रहे है। सर्दी बढने के साथ ही जहां ज्यादा उम्र के लोगो की तकलीफे बढी है तो वहीं हार्ट पेंशट की संख्या में बढोत्तरी हुई है। हैलट सहित शहर के कार्डियोलाॅजी में लागतार हार्ट पेंशन की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है।वहीं सर्दी के कारण नन्हे मुन्ने बच्चे भी इसका शिकार आसानी से हो रहे है। अधिकांश बच्चे कोल्ड डायरिया की चपेट में हो रहे है। डाक्टरो की माने तो लापरवाही के कारण बच्चे कोल्ड डायरिया का शिकार हो रहे है। इस बीमारी में बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो जाती है। इसके साथ ही सर्दी, जुकाम बुखार के भी मरीज आ रहे है। डाक्टरों ने बताया कि सर्दी में ज्यादा देर ठण्ड में रहना या गर्म कपडे कम पहना हानिकारक साबित होता है। धूप में लोग गर्म कपडे उतार देते है लेकिन चलने वाली सर्दीली हवा सीधे सिर और सीने में नुकसान पहुंचाती है। बताया गया कि बडी संख्या में चेस्ट इंफेक्शन से सम्बन्धित बच्चे भी हा रहे है। घर में लापरवाही के कारण बच्चो में यह बीमारी बढ रही है। छोटे बच्चो को ज्यादा से ज्यादा गर्म कपडे पहना कर रखे और खाने पीने में जो भी दिया जाये उसे भी गर्म करके ही बच्चों को दिया जाये। बताया कि अभी सर्दी और भी बढेगी और ऐसे में बच्चो के प्रति विशेष ख्याल रखना आवश्यक है क्योंकि छोटे बच्चो की बाॅडी वायरल या अन्य बीमारियों से लडने के लिए ज्यादा मजबूत नही होती और वह आसानी से बीमार हो जाते है। कहा कि लापरवाही न बरते और थोडी सी भी बच्चे को परेशानी होती है तो तत्काल अपने चिकित्स से परामर्श लें।
ब्लडप्रेशन बढने के साथ हार्ट अटैक का खतरा बढा
सर्दी में हार्ट पेंशन की मुश्किलें और भी बढ जाती है। डाक्टरो की माने तो ठण्ड मे शरीर की कोशिकांऐ सिकुड जाती है और इस कारण इन कोशिकाओं से रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है जिससे यदि हार्ट के मरीज को अधिक मेहनत करनी बडे तो उसका ब्लेड प्रेशर बढ जाता है और ऐसे में हार्ट अटैक की भी संभावना बढ जाती है। मौजूदा समय में हार्ट के पेंशन की संख्या बढ रही है। बताया कि हार्ट के रोगियों को सर्दी में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है, उन्हे अपने खान-पान पर नियंत्रण रखना चाहिये। पानी की कमी शरीर में नही होनी चाहिये, पानी गुनगुना करके पीना चाहिये ताकि खून में तरलता बनी रहे। डाक्टरो की माने तो यदि माता पिता को ह्रदय रोग रहा है तो ऐसे में उनके बच्चो में भी यह रोग होने की संभावना होती है, इसके लिए युवा भी समय समय पर अपने हार्ट की जांच कराते रहे साथ ही हार्ट अटैक के कारणो में ब्लेश प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्राल और अपनी शरीर के वजन की जांच भी कराते रहे। डाक्टरों ने शारीरिक व्यायाम के लिए बताया लेकिन ज्यादा उम्र वालों को माॅर्निग वार्क से मना किया वहीं रात के समय कम खाना तथा तली चीजो को खाने से मना किया।