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विश्व में सबसे ऊंचे श्री राम जन्मभूमि मंदिर की मांग काे लेकर परमहंसाचार्य बैठे उपवास पर

अवध की आवाज ब्यूरो
अयाेध्या। श्रीरामजन्मभूमि पर भव्यतम व अद्वितीय मंदिर निर्माण की मांग काे लेकर आचार्य पीठ तपस्वी छावनी के जगदगुरू रामानंदाचार्य स्वामी परमहंस आचार्य एक दिन के उपवास पर बैठ गए हैं। जाे 24 घंटे तक अन्न-जल नही ग्रहण करेंगे, जिनका उपवास गुरूवार प्रात:काल 4 बजे समाप्त हाेगा। परमहंस आचार्य बुधवार भाेर से ही अपने आश्रम पर अनशन कर रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि राममंदिर के लिए न्याय पाने में हमारी कई पीढ़ियां स्वर्गवासी हाे गईं। यहां तक कि इसकाे पाने के लिए कई रामभक्ताें ने अपने प्राणाें की आहुति दे डाली। मंदिर का संघर्ष लगभग 500 वर्षाें तक चला। तब कहीं जाकर हिंदूओं काे न्याय मिला। इस बात काे हमें कभी नही भूलना चाहिए। अब जब राममंदिर का निर्माण हाेने जा रहा है। ताे गर्भगृह पर 1111 मीटर ऊंचाई वाला मंदिर बनना चाहिए। जाे अद्वितीय और भव्यतम हाे, जिसकी टक्कर का पूरी दुनिया में काेई भी मंदिर न रहे। परमहंस ने कहा कि जब राममंदिर निर्माण के लिए अक्टूबर 2018 में मैंने 12 दिनाें तक आमरण-अनशन किया था। ताे उस अनशन काे मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ ने ताेड़वाया था। उन्हाेंने मुझे भराेसा दिलाया था कि अद्वितीय व भव्यतम मंदिर का निर्माण हाेगा। इसी तरह प्रयागराज कुम्भ में शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने मेरा अनशन ताेड़वाने के बाद कहा था कि भव्य राममंदिर बनेगा। गृहमंत्री अमित शाह भी पूर्व के चुनावी रैलियाें में गगनचुंबी मंदिर बनने की घाेषणा कर चुके हैं। जगदगुरू ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि न्यास कार्यशाला में मंदिर निर्माण के लिए जाे पत्थर तराशकर रखे गए हैं। उन पत्थराें से जन्मभूमि परिसर में रामायण मंदिर बनाया जाए। जहां लाेग बैठकर रामायण का पाठ करें। क्याेंकि रामायण काे भी प्रभु श्रीराम का ही मंदिर कहा गया है। राममंदिर भारतीय संस्कृति और भारत के गाैरव का प्रतीक है। इसलिए मंदिर ऐसा बनना चाहिए। जिसे पूरे विश्व से लाेग आकर देखें। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जिनका विशाल चरित्र आज भी इस्लामिक देश इंडाेनेशिया इत्यादि में लाेग रामलीला के माध्यम से देख रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि भगवान राम द्वारा निर्मित रामसेतु का लाेग आज भी जिक्र कर रहे हैं। रा मानें राष्ट्र, म मानें मंगल। राष्ट्रवाद, मानवता और भारतीय संस्कृति प्रभु राम से ही हैं। इसलिए राममंदिर का निर्माण भव्यतम और अद्वितीय हाे। उसके लिए मैं 24 घंटे तक अन्न-जल का परित्याग कर। प्रभु श्रीराम का, श्रीराम के लिए, श्रीराम से सत्याग्रह है। हमारे सभी भारतवासियाें-रामभक्ताें की जाे इच्छा, अपेक्षा व कामना है उसकाे जल्द पूरा करें।

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