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इस बार रामनवमी पर नहीं होगा रामलला का सूर्य तिलक

यह शिखर बनने के बाद ही संभव, कचनार के फूलों का गुलाल रामलला के लिए आया
अयोध्या। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि इस बार राम नवमी पर भगवान सूय अपनी रोशनी से दोपहर 12 बजे रामलला का तिलक नहीं कर पाऐंगे। इसके पीछे का कारण यह है राम मंदिर के गर्भगृह के ऊपर का मुख्य शिखर के निर्माण का काम पूरा नहीं हो सका है। इसका निर्माण काम पूरा होने के बाद अगले साल ही यह संभव हो सकेगा। रामजन्मभूमि निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन उन्होंने सर्किट हाऊस में पत्रकारों से बातचीत की।उन्होंने कहा कि रामनवमी पर नए निकास मार्ग पर अभी केवल चर्चा चल रही है। हर रोज करीब डेढ़ लाख श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर चुके हैं। अब तक एक करोड़ से ज्यादा भक्तों ने रामलला का दर्शन कर लिया। वाटेनिकल इंस्टीट्यूट लखनऊ ने रामलला के लिए कचनार के फूलों का गुलाल भेजा है। उन्हें समर्पित कर दिया जाएगा। चंपत राय ने कहा कि भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र तीन साल से हर माह 3 दिन के लिए आते हैं। उनकी सक्रियता से यह काम तेजी से हो रहा है।दो दिन की बैठक रूटीन कार्य का हिस्सा है। अभी मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल,परकोटा,सात अन्य मंदिर,शिखर, शेषावार मंदिर और तीर्थ यात्री केंद्र का आधा भाग बन रहा है। कोशिश है कि यह सब काम 18 माह में पूरा हो जाए। उन्होंने बताया कि राम नवमी के अंतिम दिनों में 25 से 30 लाख लोगों में रामलला के दरबार में पहुंचने के आसार हैं। 10 मार्च को सवा दो लाख लोगों ने रामलला के दर्शन किए। 17 मार्च को एक लाख 75 हजार ने रामलला के दर्शन किए। इस समय लगभग सवा लाख भक्त रामलला का दर्शन करने भक्त 14 घंटे में आ रहे हैं। यह संख्या डेढ़ लाख तक हो जाती है। समान्य रूप से दर्शन करने वाले लोगों एक घंटे में रामलला का दर्शन कर लेते हैं।उन्हें सौ मीटर दूर से रामलला के दर्शन होने लगते हैं। रामलला के सुगम दर्शन व वीआईपी दर्शन दोनों प्रकार के दर्शनों से लोग अपने आप को बचाएं। सुगम दर्शन वीआईपी दर्शन के नाम पर अयोध्या में अनेक लोगों ने कुछ गैर कानूनी काम करने शुरू कर दिए हैं। चंपत राय ने स्वीकार किया दो हजार रूपए देकर विदेशी राम भक्त ने राम लला का दर्शन किया। एक मेरे जानने वाला विदेश का नागरिक 2 हजार रुपए देकर राम लला का दर्शन किया। अयोध्या में किसी भी मंदिर में कभी भी पैसा लेकर दर्शन करने की कोई परंपरा नहीं रही है। भारत और भारत के बाहर रहने वाले श्रद्धालुओं से निवेदन है। उन्होंने कहा कि पैसा लेकर दर्शन कराना अपराध है। मेरी जानकारी में आया है कि एसएसपी की ओर से इस मामले में जांच कराई जा रही है। जो दोषी हैं उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। बताते चले कि अयोध्या में भीड़ को देखते हुए दर्शन के नाम पर पैसे वसूलने का खेल शुरू हुआ था। जिसमें एसएसपी राज करण नैय्यर ने एक सिपाही उपेंद्र नाथ को निलंबित किया है और उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है। उपेंद्र नाथ को पुलिस लाइन से संबद्ध किया गया है और बिना सूचना के मुख्यालय छोड़ने पर भी रोक लगा दी है,

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