लखनऊ। उत्तर प्रदेश के एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में राजनीतिक विकल्प महासंघ के संयोजक और राष्ट्रीय क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल राय ने प्रदेश के राजनीतिक सरगर्मी को यह संकेत देकर तेज कर दिया है कि जो भी दल यूपी में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उत्तर प्रदेश के हित में हमारे एजेंडे को लागू करने का वादा करेगा हम उसके साथ चुनाव पूर्व गठबंधन कर सकते हैं। ज्ञात हो कि पिछले ही महीने यूपी के लगभग 45 क्षेत्रीय दलों ने मिलकर राजनीतिक विकल्प महासंघ बनाया था जिसका संयोजक गोपाल राय को चुना गया है। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों राजनीतिक विकल्प महासंघ के एक गुप्त बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि चाहे सपा हो या भाजपा किसी भी दल के लिए गठबंधन के दरवाजे खुले हुए हैं बस शर्त यही है कि यूपी के हित में जो भी दल हमारे एजेंडे को अहमियत देना चाहें उनसे गठबंधन की बात की जा सकती है। यह तय है कि यूपी में अगली सरकार या तो सपा की बनेगी या भाजपा फिर से सत्ता में आएगी। राजनीतिक विकल्प महासंघ का एजेंडा बिल्कुल साफ है। वे चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश का विकेंद्रीकरण करके पूर्वांचल, अवध, बुंदेलखंड, पश्चिम प्रदेश नाम से अलग राज्य बने,किसानों को बिजली मुफ्त मिले, 2004 के बाद सरकारी सेवा में काम कर रहे कर्मचारियों को पेंशन मिलना तय हो,विधायकों सांसदों का पेंशन खत्म हो आदि। युवाओं को केन्द्रित कर रोजगार परक कार्यक्रम तथा महिला सशक्तीकरण व सुरक्षा के लिए हमारी विशेष प्रतिबद्धता रहेगी। किसानों के लिए भी उन्नत कार्यक्रमों को लागू किया जाएगा।
प्रदेश के समग्र विकास व सामाजिक समरसता पर विशेष बल दिया जाएगा।अब देखना यह दिलचस्प होगा कि कौन सा दल इन जन सरोकार से जुड़े मुद्दों को अपनाकर राजनीतिक विकल्प महासंघ के साथ गठबंधन के लिए हाथ आगे बढ़ाती है। सूत्रों से मिले खबर के अनुसार राजनीतिक विकल्प महासंघ इन बड़े दलों से कितनी सीटें चाहती हैं इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है मगर गोपाल राय ने यह जरूर कहा है कि समझौता सम्मानजनक होना चाहिए।