भ्रष्टाचारी लिपिक को अर्जित की करोडो की सम्पत्ति
कानपुर नगर | प्रदेश ही नही देश में भ्रष्टाचार एक बडी समस्या है और इसे दूर करने के लिए इसपर गंभीरतापूर्वक विचार कर आचरण से राष्ट्र हित को सर्वोपरि मानना होगा। जहां भ्रष्टाचारियों को कठोर दण्ड देना होगा वहीं राजनीति हस्तक्षेप को पूरी तरह से समाप्त करना होगा। भले ही प्रदेश सरकार ने भ्रष्ट तंत्र पर सख्त रूख अपनाया हो लेकिन पहले से चले आ रहे भ्रष्टाचार की जडे इतनी गहरी हो गयी है कि उनको उखाडना इतना आसान नही है। अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए अपने पद का दुरूपयोंग करना और अनुचित ढंग से धन कमाना ही भ्रष्टाचार है। इसी प्रकार केडीए में भ्रष्टाचार में लिप्त द्वितीय श्रेणी लिपिक कश्यप कांत दुबे अपने पद का दुरूपयोग कर धन सम्पत्ति बनाने में लगे हुए है और आय से अधिक धन सम्पत्ति गैर कानूनी ढंग से अर्जित की है। इनका सिस्टम ऊपर से नीचे चहुंओर है। इसके द्वारा किये गये कई भ्रष्टाचार की शिकायत की जा चुकी है लेकिन पूरे विभाग में भ्रष्टअधिकारी का जाल बिछा होने के कारण आज तक कोई कार्यवाही नही हुई। कानपुर विकास प्राधिकरण में द्वितीय श्रेणी लिपिक कश्यपकांत दुबे जो कई मामलो में भ्रष्टाचार में लिप्त है, केडीए अफसरों ने उसे महत्वपूर्ण पदपर तैनात कर दिया। भ्रष्टाचार में लिप्त केडीए अधिकारियों ने उसके चहुंओर फैले वर्चस्व को देखते हुए उसकी महत्पूर्ण पदो पर पोस्टिंग भी करा दी। बर्रा-4 निवासी स्व0 अर्दली कपिल दुबे की मौत के बाद पुत्र ने मृतक आश्रित में केडीए में यह नौकरी प्राप्त की, जबकि सेवा नियमावली- 1974 के अनुसार मृतक के पद के विपरीत अनुकम्पा में नौकरी दी जा सकती है या उसके सापेक्ष चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद पर अनुकम्पा में नौकरी पाने के हकदार थे, लेकिन केडीए के भ्रष्टाचारी अधिकारियों ने द्वितीय श्रेणी लिपिक के नियमों के पद के विपरीत मृतक सेवा नियमावली अनुकम्पा नौकरी के विरूद्ध द्वितीय श्रेणी लिपिक पद पर तैनाती कर दी और इस पद पर रहते हुए कश्यपकांत दुबे ने आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित की। ऐसे में द्वितीय श्रेणी लिपिक कश्यपकांत दुबे के साथ उसकी पोस्टिंग कराने वाले अधिकारी के विरूद्ध जांच होनी चाहिये और दोषी पाये जाने पर सख्त कार्यवाही के लिए शिकायती प्रार्थनापत्र भारत सरकार शासन प्रशासन को सामाजिक संगठन जन जागरण सेवा संसथान की प्रदेश अध्यक्ष रीता गुप्ता, सरला सिंह, नाजनीन अंसारी, सैफी बानो, सीमा बाजपेई, संध्या शर्मा, ऋतु शुक्ला की ओर से भेजा गया है।