इटावा। पुलिस का अमानवीय चेहरा किसी से छुपा नहीं है। कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए बनी पुलिस पैसे की खातिर अपराधियों का ही सहयोग करती है जिससे अपराध कम होने की बजाए बढ रहे हैं। पीडितों को पुलिस से प्रताडना मिलती है तथा रिपोर्ट भी दर्ज नहीं होती है। ऐसे ही एक मामले में कोतवाली पुलिस ने बहला-फुसलाकर भगाई गई लडकी की रिपोर्ट तीन सप्ताह बीतने के बाद भी दर्ज नहीं की और अगवा करने वालों से धन डकारकर उनकी मदद में हाथ-पैर धोकर उतर आयी। पीडित न्याय के लिए दर-दर की ठोंकरे खाने को मजबूर हैं। कोतवाली थानान्तर्गत मु0 नौरंगाबाद में नानी के घर रहकर इसी वर्ष इण्टर की परीक्षा पास करने वाली कु0 समन पुत्री नाजिमउद्दीन को अमित कुशवाहा, गौरव कुशवाहा पुत्रगण षिवषंकर कुषवाहा राजेष कुषवाहा निवासीगण करमगंज नौकरी दिलाने का झांसा देकर बहला-फुसलाकर 15 जून को भगा ले गये। पीडित पिता एसएसपी से लेकर कोतवाली की खाक छान रहा है। लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी। पुलिस पीडित को धमकाती व गुमराह करती रही कि लडकी वापस दिलवा देंगे, रिपोर्ट मत लिखवाओ। रिपोर्ट लिख गई तो लडकी नहीं मिल पायेगी। पुलिस ने लडकी से फोन से बात करवाने की भी बात कही लेकिन करवाई नहीं। लडका-लडकी के फोन सर्विलान्स पर लगे रहे और पुलिस खामोष रही। बाद में पुलिस ने बताया कि लड़की गांधी नगर में रही लेकिन अब वहां नहीे हैं। पुलिस ने पीडित को संतुष्ट करने के लिए आरोपियों के घर एक-दो बार दबिष भी दी लेकिन एक घण्टे पहले फोन कर उन्हें हटा दिया। जबकि अमित को छोडकर अन्य आरोपी घर पर ही रहे।