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चरत प्रताप ने खुद को राजा दयाराम के वंशजका किया दावा

हाथरस : चरत प्रताप सिंह ने खुद को राजा दयाराम का वंशज बताते हुए हाथरस में स्थापित उनके किले पर अपना दावा किया है। पूर्वजों की संपत्तियां कई शहरों व प्रांतों में हैं, जिनपर अब कब्जे हो चुके हैं ऐसा उनका कहना है । हाथरस के किले के लिए वे गुरुवार को डीएम से मिलेंगे तथा उन्हें पत्र सौपेंगे। आगरा रोड स्थित होटल में प्रेस कान्फ्रेंस करते हुए चरत प्रताप सिंह ने बताया कि राजा दयाराम के पौत्र हरनारायण जी ने राजा महेंद्र प्रताप को गोद लिया था। राजा महेंद्र प्रताप के घर उनके दादा प्रेम प्रताप ने जन्म लिया। चरत प्रताप के अनुसार उनके दादा का जन्म हाथरस का है। इसके बाद उनके पूर्वजों ने देहरादून में संपत्ति बना ली तथा वहीं जाकर बस गए। प्रेम प्रताप ¨सह के यहां उनके पिता अमर प्रताप सिंह हुए। वे अमर प्रताप के बड़े बेटे हैं। पिछले कई दशकों से हाथरस किले पर कोई दावा न करने की बात पूछे जाने पर चरत प्रताप ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप के बाद वे चौथी पीढ़ी के हैं। उनका सारा कारोबार देहरादून में ही है। इसलिए हाथरस से उनकी दूरी रही। दूसरी वजह उन्होंने बताई कि पूर्वजों की संपत्ति केवल हाथरस ही नहीं, बल्कि अलीगढ़ व कई अन्य शहरों में है। पिछले कई वर्षों से वे इसके लिए कानूनी कार्रवाई करने में जुटे हैं तथा अब हाथरस आए हैं। उनका कहना है कि भू माफिया ने षड्यंत्र के तहत दस्तावेजों से उनके नाम हटवाए हैं। अब वे राजा अमर प्रताप ¨सह के नाम को पुन: दस्तावेजों में दाखिल कराएंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर वे कोर्ट की शरण भी लेंगे। वे तीन महीने पहले जिलाधिकारी को पत्र भी भेज चुके हैं।

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