उग्रसेन श्रीवास्तव
बरेली। एक तरफ कोरोना अपना कहर बरपा रहा है और दूसरी तरफ प्राइवेट हॉस्पिटल की लापरवाही भी कम होने का नाम नही ले रही ह। बरेली के एपेक्स हॉस्पिटल ने तो लापरवाही की सभी हदों को ही पार कर दिया। हॉस्पिटल ने दो परिजनों को अलग अलग बॉडी दे दी। डॉक्टर को भगवान कहा जाता है लेकिन बरेली में इस भगवान ने लापरवाही की सभी सीमाओं को पीछे छोड़ दिया। हम बात कर रहे हैं बरेली के बारादरी थाना क्षेत्र में बने एपेक्स हॉस्पिटल की, दरअसल कटरा चांद खान के महेश कुमार गुप्ता की कोविड रिपोर्ट आने के बाद उनको अपैक्स हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। जहां महेश कुमार ने देर रात दम तोड़ दिया। परिजनों को हॉस्पिटल का सभी बिल पेड करने के बाद बॉडी दी गई साथ ही ये शर्त रखी गई कि कोई इसको खोलके नही देखेगा। लेकिन बेहद बॉडी हल्की होने पर परिजनों ने खोल के देखा तो बॉडी महेश की नही बल्कि किसी वृद्ध व्यक्ति की थी। परिजनों ने जमकर हंगामा किया।पहले तो हॉस्पिटल मानने को ही राजी नही थी कि डेड बॉडी बदल गई। हॉस्पिटल की लापरवाही यही खत्म नही हुई। दूसरा कोविड का मरीज राकेश की भी मौत अपैक्स हॉस्पिटल में हुई, बिल पे करने से पहले उनको बॉडी छूने भी नही दी गई, उनको भी सील बॉडी को खोलने की अनुमति नही थी। लेकिन श्मसान भूमि में चिता पर रखते वक़्त उसके चेहरे को ख़ोल कर देखा तो डेडबॉडी राकेश की नही थी। उनके हॉस्पिटल में पहुचे तो हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया, पूरे मामले में गौर करने वाली बात ये हैं कि इस दोनों की बॉडी अदला बदली नही हुई है । क्योंकि महेश की बॉडी कहाँ गई इसके बारे में हॉस्पिटल प्रशासन नही बता पा रहा है। इस मामले में हॉस्पिटल के डॉक्टरों से बात की तो वो उल्टा मीडिया पर ही भड़क गए और डेडबॉडी के बदलने के प्रकरण को सिरे से ही नाकार दिया।