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बहेड़ी में गन्ने की नर्सरी तैयार कर महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य हो रही हैं आत्मनिर्भर

बरेली। बरेली जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से लागू की गई गन्ना विभाग की योजनाओं से महिलाओं को घर बैठे रोजगार प्राप्त हो रहा है।
गन्ना विकास परिषद बहेड़ी, द्वारा महिलाओं का स्वयं सहायता समूह का गठन गन्ना विकास परिषद, बहेड़ी द्वारा लाकडाउन में करवाया गया। लाकडाउन के समय में जब लोगों की आमदनी कम हो गयी थी, तब गन्ना विभाग ने सराहनीय पहल करते हुये महिलाओं को स्वरोजगार देने तथा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया।गन्ना विकास परिषद के अधिकारियों के संरक्षण में पोर-ट्रे में बडचिप द्वारा गन्ने की नर्सरी तैयार करना प्रारम्भ किया गया।
प्रारंभ में महिला स्वयं सहायता समूह को नर्सरी तैयार करने के लिये भूमि उपलब्ध नही हो पा रही थी। ऐसे में महिला समूह को ही छत पर नर्सरी तैयार करने का विचार मन में आया और कार्य प्रारम्भ किया गया। महिला समूह के इस कार्य को गन्ना विकास परिषद के अधिकारियों द्वारा नियमित निरीक्षण एवं प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
महिला समूहों द्वारा माह अगस्त से मार्च तक में 522491 बडचिप से पौधे तैयार किये गये हैं जिसमें 509890 बडचिप को किसानों को वितरण कराया गया। अब महिलाओं को वितरण हेतु कहीं और नही जाना पड़ रहा है, उन्हे घर बैठे ही पौध गन्ना विकास परिषद के माध्यम से किसान खरीद कर ले जा रहे हैं। कृषकों द्वारा प्रति पौध 1.50 रुपये हिसाब से 764745 रुपये इस महिला समूह को मिला है, एवं 1.50 रुपये प्रति पौध गन्ना विकास परिषद द्वारा अनुदान 764745 रुपए दिया गया है। इस प्रकार समूह को अब तक 1529490 रुपये का लाभ प्राप्त हुआ है।
इस योजना से स्वयं समूह की महिलाओं को घर बैठे रोजगार प्राप्त हो रहा है। इससे प्राप्त आय को सभी महिलायें आपस में बांट लेती हैं। जिससे उनकी आर्थिक जरुरतें भी इस योजना से पूर्ण हेाने लगी है और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में योजना सफल हो रही है।
एक महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि इस योजना के द्वारा महिला समूह द्वारा तैयार नर्सरी में काफी कम गन्ना लगता है। जिससे कम बीज अधिक क्षेत्रफल में बोया जा रहा है। यह सरकार का एक अच्छा एवं महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें महिलायें अपने गांव घर में रहकर ही आय प्राप्त करने लगी है।

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