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सरकारी वाहनों को एक नवंबर से नहीं मिलेगा उधार ईंधन

बांदा। करोड़ों रुपये की बकायेदारी अदा न करने पर पेट्रोल पंप मालिकों ने पहली नवंबर से सरकारी विभागों के वाहनों को डीजल-पेट्रोल उधार न देने का फैसला किया है। साथ ही बगैर सीट बेल्ट और हेलमेट के वाहनों को ईंधन देने पर रोक लगा दी है। पेट्रोल पंपों में हो रहीं आपराधिक घटनाओं की निंदा करते हुए रात्रि में पेट्रोल पंप न खोलने की चेतावनी दी है। बांदा पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन की एक रेस्टोरेंट में हुई बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जारी निर्देश का हवाला देकर एसोसिएशन ने निर्णय लिया कि सीट बेल्ट और हेलमेट न होने पर वाहनों को डीजल-पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। बैठक में कहा गया कि तमाम सरकारी विभागों पर डीजल-पेट्रोल की कई करोड़ रुपये की उधारी पड़ी है। लंबे अरसे से इसका भुगतान नहीं किया जा गया है। डीलर्स आर्थिक संकट झेल रहे हैं। बैंक का ब्याज अदा करना पड़ रहा है। पेट्रोल पंप बंदी की कगार पर आ गए हैं। एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित करके निर्णय लिया कि उधारी अदा नहीं की गई तो पहली नवंबर से किसी भी सरकारी विभाग को उधार ईंधन नहीं दिया जाएगा। हाल ही में शहर कोतवाली क्षेत्र के पल्हरी गांव के पास स्थित पेट्रोल पंप मे अराजकतत्वों द्वारा पेट्रोल भरा रहे ग्राहकों और पंप कर्मचारियों के साथ की गई मारपीट और कुछ दिन पहले पट्रोल पंप मालिक के साथ शहर में हुई कई लाख की लूट की घटनाओं पर बैठक में कड़ी निंदा का प्रस्ताव पारित किया गया। अभियुक्तों की गिरफ्तारी और पेट्रोल पंपो की पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न होने पर रात्रि में पेट्रोल पंप बंद रखने की चेतावनी दी गई। बैठक में एसोसिएशन अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल , संरक्षक संतोष ढढंरिया सहित विवेक त्रिपाठी, संजय गुप्ता, अभिषेक गुप्ता आदि शामिल रहे।

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