नयी दिल्ली। ललित मोदी ने नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया जिससे राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) में उनका प्रतिनिधित्व समाप्त हो गया। इस दागी प्रशासक को अपने साथ जुड़ने की स्वीकृति देने पर बीसीसीआई ने आरसीए को प्रतिबंधित किया था। कालेधन को सफेद करने के आरोप लगने के बाद भारत छोड़ने वाले 50 साल के मोदी ने अपना इस्तीफा आरसीए को भेजने के अलावा बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी को भी भेजा। मोदी ने इस्तीफा देते हुए लिखा, ‘‘मुझे लगता है कि समय आ गया है कि अगली पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंपी जाए। इसलिए मैं आज फिलहाल के लिए क्रिकेट प्रशासन को अलविदा कहना चाहता हूं।’’ लुभावनी और चमक दमक भरे इंडियन प्रीमियर लीग टूर्नामेंट को शुरू करने का श्रेय मोदी को जाता है लेकिन 2010 में उन्हें बीसीसीआई ने बर्खास्त कर दिया था और उन पर बोली में हेराफेरी और कालेधन को सफेद करने के अलावा अन्य आरोप लगाए गए थे। वह लंदन में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं जबकि प्रवर्तन निदेशालय उनके खिलाफ वित्तीय कानूनों के उल्लंघन के आरोपों की जांच कर रहा है। मोदी ने हालांकि आरसीए में अपना पद छोड़ने से इनकार कर दिया था जिसके बाद बीसीसीआई ने संघ को प्रतिबंधित कर दिया था। मोदी को उस समय झटका लगा था जब आरसीए अध्यक्ष पद के चुनाव में उनके 22 साल के बेटे रुचिर मोदी को हार का सामना करना पड़ा। मोदी ने इस बीच बीसीसीआई ने आग्रह किया है कि उनके इस्तीफे के बाद आरसीए को मिलने वाला कोष जारी कर दिया जाए। आईपीएल के पूर्व आयुक्त ने हालांकि बीसीसीआई पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि उसने अपने पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को रोकने के लिए कुछ नहीं किया जबकि उन्हें उच्चतम न्यायालय ने प्रतिबंधित किया था।