शपथ पत्र के साथ की गई शिकायत पर नहीं हुई अवैध निर्माण संरक्षण दाताओं पर कोई कार्रवाही पूर्ण हो रहा अवैध निर्माण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन के दावे कर रहे हैं, वही सीएम योगी के अधिनस्थ शहरी एवं आवास नियोजन विभाग के अंतर्गत लखनऊ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन जोन क्षेत्रों में भ्रष्ट कार्यशैली के चलते अवर व सहायक अभियंताओं के संरक्षण के चलते बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध निर्माणों की आइजीआरएस पोर्टल पर की गई शिकायतों का अवैध निर्माण के हिमायती व संरक्षण दाता अवर व सहायक अभियंताओं के द्वारा उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की सुसंगत धाराओं का उल्लेख करके मामले के किये गये फर्जी निस्तारण को लेकर शिकायतकर्ता के द्वारा मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को शपथ पत्र के साथ भेजी गई शिकायतों पर भी उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण की जानकारी में बेलगाम अवर व सहययक अभियंता अवैध निर्माणों पर कार्यवाही न करके शासन व प्रशासन को गुमराह करके सभी प्रवर्तन जोनों में तैनात जेई व एई द्वारा अवैध निर्माण को पूर्ण करवा दिया जाता है। पूँछने पर शिकायतकर्ता ने बताया कि हजरतगंज क्षेत्र में नियम विरुद्ध व बिना मानचित्र के निर्माणाधीन व्यावसायिक निर्माण की आइजीआरएस पोर्टल पर अनेकों शिकायत की गई जिसका संबंधित क्षेत्र में तैनात अवर अभियंता व सहायक अभियंता के द्वारा फर्जी निस्तारण के मामले को शपथ पत्र के साथ मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन को भेजा गया लेकिन अभी तक शिकायतों का फर्जी निस्तारण कर अवैध निर्माणों को संरक्षण देने वाले दोषी अवर अभियंता व सहययक अभियंताओं पर कोई भी कार्यवाही करने में उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण आखिर क्यों हिचक रहे हैं ? कहीं उनका दोषियों के साथ कोई दुरभि संधि तो नही हैं जिसके चलते सहायक अभियंता व अवर अभियंता बेख़ौफ़ होकर सभी मानकों व नियमों को ताख पर रखकर अवैध निर्माणों को अंजाम दे रहे हैं। ऐसे ही प्रकरण में प्रवर्तन जोन 6 वर्तमान में तैनात जोनल अधिकारी व अवर अभियंता भानु वर्मा ने बताया कि सिविल हॉस्पिटल के सामने गेट नंबर 4 के सामने नियम विरुद्ध अवैध निर्माण को पूर्ण कराने के लिए उत्तर प्रदेश शासन में तैनात एक प्रभावशाली उचचाधिकारी आई बी सिंह द्वारा उक्त अवैध निर्माण से संबंधित होने के कारण सीलिंग आदि की कार्यवाही न करने के लिए अवर अभियंता व अन्य पर दबाव बनाया जा रहा हैं जिसके कारण उक्त अवैध निर्माण को सील किया जाना संभव नहीं है। आखिर वो कौन अधिकारी हैं जो इस तरह का नाजायज दबाव बनाकर एक अवैध निर्माण को संरक्षण देने बात कर रहा हैं ? उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी उक्त विषय को संज्ञान में लेकर उक्त अवैध निर्माण को संरक्षण देने वाले व शासनादेशों की अवहेलना करने वाले दोषियों पर सख्त कार्यवाही करते हुए प्रवर्तन जोन से क्यों नही हटा रहे हैं । उक्त अवध निर्माण की पूर्ण जानकारी होते हुए उपाध्यक्ष संरक्षण दाताओं पर कोई कार्यवाही करने में क्यों कतरा रहे हैं आखिर क्यों ?