लक्षण नजर आएं तो कोविड की जांच जरूर कराएँ : सीएमओ
लक्षण वाले रिपोर्ट का इंतजार किये बगैर अपने को करें आइसोलेट
परिवार के अन्य सदस्य भी कोविड प्रोटोकाल का करें पालन
स्वास्थ्य विभाग के बताये अनुसार दवाओं का शुरू कर दें सेवन
रायबरेली। कोरोना को अगर हराना है तो हमें उससे एक कदम आगे बढ़कर चलना होगा | इसके लिए जरूरी है कि लोग जागरुक हों, लक्षणों को पहचानें , सावधानी बरतें और जांच कराएं | यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने कहीं | उन्होंने कहा- खांसी, जुकाम, बुखार, गले में खरास , गंध और स्वाद का चले जाना या अन्य कोई भी लक्षण नजर आएं तो उसकी अनदेखी न करें, स्वयं से कोई दवा न लें और अपनी जांच कराएँ | कोरोना की दो तरह की जांचें होती हैं एंटीजन और आरटीपीसीआर | एंटीजन जांच का परिणाम पांच से पन्द्रह मिनट के अन्दर आ जाता है जबकि आरटीपीसीआर की रिपोर्ट 24 से 28 घंटे में आती है |
डा. वीरेन्द्र सिंह ने बताया- घर – घर सर्वे में लक्षण युक्त व्यक्तियों को निगरानी समिति द्वारा आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं । एंटीजन जॉच के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर तुरन्त कोरोना प्रोटोकाल के तहत दवा दी जा रही है । आरटीपीसीआर की रिपोर्ट में पॉजिटिव आने वालों को रैपिड रेस्पांस टीम (आरआरटी) द्वारा सलाह , जांच और दवा दी जा रही है । जिले में 60 आरआरटी सक्रिय हैं |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बताते हैं – लक्षण दिखने पर स्वयं को परिवार के अन्य सदस्यों से अलग कर आइसोलेट हो जाएँ | जांच की रिपोर्ट आने का इन्तजार न करें और दवाइयों का सेवन शुरू कर दें | कोरोना प्रोटोकाल के तहत जिन दवाइयों का सेवन करना है वह इस प्रकार हैं- आइवेर्मेक्टिन 12 मिग्रा (एमजी) की एक गोली खाने के बाद तीन दिन लगातार, एजिथ्रोमायसिन की 500 एमजी की गोली दिन में खाने के बाद एक बार लगातार तीन दिन के लिए, डोक्सी 100 एमजी की गोली 10 दिन तक दिन में दो बार, क्रोसिन 650 एमजी की एक-एक गोली दिन में चार बार तीन दिन के लिए या शरीर दर्द, बुखार आने तक, लिम्सी 500 (विटामिन सी 500 एमजी) एमजी रोज एक दस दिन के लिए, जिंकोनिया (एलिमेंटल जिंक 50 एमजी) रोज एक गोली दस दिन तक, कैल्सिरोल सैशे हफ्ते में एक बार छह हफ्ते के लिए | इसके साथ ही प्रतिदिन 3 से 4 लीटर गुनगुने पानी का सेवन करें, दिन में तीन बार भाप लें, आठ घंटे की नींद लें, 45 मिनट का व्यायाम करें या टहलें | इसके अलावा आक्सीजन स्तर नापते रहें | अगर यह 94 प्रतिशत से कम आता है या अन्य किसी तरह की सांस सम्बन्धी समस्या महसूस होती है तो चिकित्सक की सलाह लें |
छह मिनट तेज चलने के बाद ही ऑक्सीजन लेवल नापें और देखें कहीं यह सामान्य से 5 फीसद गिरा तो नहीं है | कोरोना की दूसरी लहर में युवाओं में हैप्पी हाईपोक्सिया देखने को मिल रहा है | इसमें मरीज का ऑक्सीजन लेवल गिर जाता है लेकिन पता नहीं चलता है | ऑक्सीजन लेवल का गिर जाना , किन्तु इसका पता न चलना ही हैप्पी हाईपोक्सिया कहलाता है, इसलिए ऑक्सीजन लेवल नापते रहें |
कम लक्षण वाले या बिना लक्षण वाले रोगी होम आइसोलेशन में सावधानी बरतकर और दवाओं का सेवन कर कोरोना को मात दे रहे हैं | वर्तमान में जिले में 1764 कोरोना उपचाराधीन मरीज होम आइसोलेशन में हैं |
इसके साथ ही 45 साल से ऊपर की आयु के सभी लोग टीकाकरण अवश्य कराएँ | कोरोना की लड़ाई के खिलाफ टीका एक सुरक्षा कवच है, जिसे सभी को अपनाना चाहिए | अपनी जिंदगी की रक्षा और दूसरों की सुरक्षा के लिए टीका जरूर लगवायें | टीका पूरी तरह सुरक्षित है और कोविड के विरुद्ध लड़ाई में यह प्रमुख हथियार है | जब ज्यादा से ज्यादा लोग टीका लगवाएंगे तभी हर्ड इम्युनिटी विकसित हो पायेगी | टीका लगाने के बाद यदि कोरोना हो जाता है तो इसका गंभीर रूप सामने नहीं आता है | अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती है | टीकाकरण के बाद भी हमें मास्क लगाना, दो गज की शारीरिक दूरी का पालन करना और बार-बार साबुन और पानी से 40 सेकेण्ड तक हाथ धोना या 70 फीसद एल्कोहोल से हाथ सेनिटाइज करते रहना है |
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस. अस्थाना ने बताया- घर में कोरोना उपचाराधीन व्यक्ति के होने पर सतर्कता बरतने की जरूरत होती है | मरीज और घर के सदस्यों को हमेशा मास्क लगाकर ही रहना चाहिए | बच्चे, वृद्धजन और गर्भवती को मरीज के सम्पर्क में नहीं आना चाहिए | मरीज के कपड़े, तौलिया, बर्तन, आवश्यक सामान और बर्तन अलग रखने चाहिए | घर के हैंडल, स्विच, मेज आदि को एक फीसद हाइपोक्लोराईट सल्यूशन से पोछें | घर के सभी सदस्य कोरोना से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन करें |
श्री अस्थाना कहते हैं- आज के समय में लोगों को घर से बेवजह बाहर नहीं निकलना चाहिए और न ही घर में किसी को आमंत्रित करना चाहिए | घर से बाहर निकलने पर कोरोना से बचाव के प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें | सकारात्मक विचार रखें और अपने रिश्तेदारों दोस्तों से फोन पर बात कर मनोबल बढ़ाएं |