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राजग ने खेला दलित दांव, रामनाथ कोविंद होंगे राष्ट्रपति उम्मीदवार

नई दिल्ली | राष्ट्रपति चुनाव के लिए राजग के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद होंगे। कोविंद इस समय बिहार के राज्यपाल हैं और उत्तर प्रदेश से दो बार भाजपा के राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। कोविंद दलित समुदाय से संबद्ध हैं। उनके नाम की घोषणा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने की। कोविंद उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। कोविंद दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में वकालत कर चुके हैं। कोविंद के नाम पर आज भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में मुहर लगी। बैठक के बाद शाह ने बताया कि कोविंद के नाम के बारे में राजग के सभी सहयोगियों को सूचित कर दिया गया है और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस बारे में बातचीत की है। उन्होंने कहा कि नामांकन की तारीख कोविंद से सलाह के बाद तय की जायेगी। उन्होंने बताया कि अभी उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है।
 शाह ने उम्मीद जतायी कि कोविंद के नाम पर सभी दलों के बीच सहमति बन जायेगी। उन्होंने बताया कि कोविंद के नामांकन पत्रों पर हस्ताक्षर के लिए भाजपा सांसदों को दिल्ली बुलाया गया है। राजग के पास राष्ट्रपति उम्मीदवार जिताने के लिए आवश्यक मत हैं इसलिए कोविंद के.आर. नारायणन के बाद देश के दूसरे राष्ट्रपति बन सकते हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भाजपा संसदीय बोर्ड की करीब दो घंटे तक चली बैठक के बाद कहा कि कोविंद 23 जून को अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को राजग की पसंद के बारे में बता दिया गया है और उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी विपक्षी दल उनके नाम पर सहमति जताएंगे। शाह ने संवाददाताओं से कहा कि लोकतंत्र की सर्वोच्च जगह के लिए भाजपा और राजग काफी समय से सभी दलों से चर्चा कर रहे थे। इसके आधार पर जिस प्रकार की राय प्राप्त हुई उसी के आधार पर भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में राष्ट्रपति पद के राजग उम्मीदवार के लिए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद का नाम तय किया गया है। उन्होंने कहा कि रामनाथ कोविंद भाजपा के बहुत पुराने और वरिष्ठ नेता रहे हैं, जो कानपुर देहात जिले के मूल निवासी हैं। वे दलित समाज में जन्मे और सार्वजनिक जीवन में संघर्ष करके यहां तक पहुंचे हैं। वे उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में एक अच्छे वकील रहे और भारत सरकार के वकील के रूप में भी काम किया। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि वे 12 साल तक राज्यसभा के सदस्य भी रहे। वे भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे। संसद की अनेक समितियों में भी उन्होंने योगदान दिया। उन्होंने दलितों, समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए काम किया। वे पिछले तीन साल से बिहार के राज्यपाल के पद पर हैं। शाह ने कहा कि राजग ने सभी दलों को अपने इस निर्णय से अवगत कराना शुरू किया है। राजग के सहयोगी दलों को भी इसकी जानकारी दी गई है।
 इस बीच, विपक्ष ने राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपना उम्मीदवार उतारने के संकेत दिये हैं। 22 जून को इस संबंध में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की बैठक बुलाई गयी है जिसमें अंतिम निर्णय किया जायेगा। संप्रग की ओर से पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के आसार हैं। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने अपने बयान में कहा है कि प्रणब मुखर्जी या, यहां तक कि सुषमा स्वराज या लालकृष्ण आडवाणी के कद के किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता था। उधर, शिवसेना सांसद संजय राउत ने आज कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे राष्ट्रपति पद के लिए राजग उम्मीदवार को समर्थन देने के मुद्दे पर फैसला करने के लिए पार्टी नेताओं की बैठक बुलाएंगे। राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘अमित शाह ने भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में राष्ट्रपति पद के लिए राजग का उम्मीदवार तय किए जाने के बाद उद्धवजी से बात की।’ उन्होंने कहा, ‘उद्धवजी ने उनसे कहा कि वह किसी फैसले पर पहुंचने के लिए पार्टी नेताओं की बैठक बुलाएंगे और एक-दो दिन में उन्हें अपना जवाब देंगे।’
 राजग की सहयोगी तेलगु देशम पार्टी ने राष्ट्रपति चुनावों के लिये गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर भाजपा द्वारा बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद के नाम के चयन का स्वागत किया है। तेदपा अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कोविंद की उम्मीदवारी की प्रशंसा करते हुये इसे सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिये सही फैसला बताया। उन्होंने कोविंद को अपनी पार्टी के पूर्ण समर्थन का भी भरोसा दिया। बसपा मुखिया मायावती ने कहा है कि राष्ट्रपति पद के लिए राजग के दलित उम्मीदवार के प्रति बसपा का रूख नकारात्मक नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि बसपा का रूख सकारात्मक रहेगा क्योंकि विपक्ष ने शीर्ष पद के लिए किसी दलित को नहीं चुना है।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि रामनाथ कोविन्द एक असाधारण राष्ट्रपति होंगे और गरीबों, दलितों तथा वंचितों के लिए लगातार एक मजबूत आवाज बने रहेंगे। प्रधानमंत्री की टिप्पणी भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक में राष्ट्रपति पद के लिए राजग उम्मीदवार के रूप में कोविन्द का नाम घोषित किए जाने के चंद घंटे बाद आई। मोदी ने ट्वीट किया, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि श्री रामनाथ कोविन्द एक असाधारण राष्ट्रपति होंगे और गरीबों, दलितों तथा वंचितों के लिए लगातार एक मजबूत आवाज बने रहेंगे।’ उन्होंने कहा कि विधि क्षेत्र की उत्कृष्ट पृष्ठभूमि के साथ कोविन्द को संविधान की जानकारी और समझ से राष्ट्र को लाभ होगा। प्रधानमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में रेखांकित किया कि किसान पुत्र कोविन्द साधारण पृष्ठभमि से हैं। मोदी ने कहा, ‘उन्होंने (कोविन्द ने) अपना जीवन जनसेवा के लिए समर्पित किया और गरीबों तथा वंचितों के लिए काम किया।’
 केन्द्रीय मंत्री और लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राजग की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित करने का स्वागत करते हुये विपक्षी दलों से भी उनके नाम पर सर्वानुमति कायम करने का आह्वान किया है। पासवान ने आज भाजपा संसदीय दल की बैठक में कोविंद के नाम का ऐलान होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ऐतिहासिक फैसला बताया। उन्होंने कहा कि दलितों के हितों की लड़ाई सड़क से संसद और अदालतों तक लड़ने वाले कोविंद राष्ट्रपति पद के लिये सवर्था योग्य उम्मीदवार हैं। पासवान ने विपक्षी दलों से भी कोविंद के नाम पर सर्वानुमति कायम करने की अपील करते हुये कहा कि उनके नाम का विरोध करने वाले दल दलित विरोधी माने जायेंगे। उन्होंने कोविंद के चयन को मोदी सरकार का मास्टर स्ट्रोक बताते हुये इसे उन दलों के गाल पर करारा तमाचा बताया जो अब तक राजग सरकार को दलित विरोधी बता रहे थे।

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