पुलिस अपने ही किसी सहकर्मी को बचाने का कर रही प्रयास
हत्या के आरोप से बचने को की आत्महत्या
लखनऊ। राजधानी में मंगलवार को पुलिस का अमानवीय चेहरा एक बार फिर देखने में आया है। ठाकुर गंज थाना क्षेत्र में पुलिस द्वारा हत्या के केस में फंसाए जाने के दबाव के चलते एक 23 वर्षीय युवक ने आत्महत्या कर ली है। परिजन और मुहल्ले वालों का आक्रोश इतना अधिक है कि पुलिस बैकफुट पर आ चुकी है और अंतिम संस्कार करवाने के लिए आला अधिकारी मिन्नतें कर रहे हैं। ये मामला ठाकुर गंज स्थित गऊघाट का है जहां 23 वर्ष के युवक अजय निषाद ने पुलिस उत्पीडन से आजिज आ कर फांसी लगा ली है। क्षेत्रवासी शव को रख कर प्रदर्शन कर रहे हैं और दोषी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी होने की मांग कर रही है। मृतक की मां और परिवार का रो रो कर बुरा हाल है और क्षेत्रीय जनता काफ़ी आक्रोशित हैं।
सूत्रानुसार अजय निषाद डाला चलाने का काम करता था। कल से पुलिस पूछताछ के नाम पर अजय को परेशान कर रही थी और एक हत्या का अपराध स्वीकार कर लेने के लिए उस पर दबाव बना रही थी। सूत्रानुसार कल अजय डाला लेकर आ रहा था तब पुलिस वालों ने उसे रोका तो वो नहीं रुका, तब पुलिस उसका पीछा करने लगी। इस ओर अजय परेशान हो गया और डाला छोड़ कर घर आ गया। तब पुलिस वालों ने डाले से चाभी निकल ली और हमारे घर चक्कर लगाने लगे। दुःखी मां ने रोते हुए बताया कि गऊघाट चौकी के पुलिस वाले कह रहे थे कि 10 हज़ार रुपए अभी दो नहीं तो सुबह 20 हज़ार देने पड़ेंगे और ना दिए तो हत्या में फंसा देंगे। उन्होंने कहा कि इसी दबाव के चलते अजय ने फांसी लगा कर जान दे दी है।
लोगों ने बताया कि पुलिस सलीम के कहने पर अजय को परेशान कर रही थी और भारी दबाव में आकर उसने फांसी लगाकर जान दे दी है। उन्होंने बताया कि सलीम पुलिस की मुखबरी करता है। खबर लिखें जाने तक, मौके पर काफी पुलिस बल मौजूद हैं और अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को मनाया जा रहा है। अजय की मां और अन्य सूत्रों से पता चला है कि पुलिस की नाजायज उत्पीड़न से मजबूर होकर उसके बेटे ने आत्महत्या की है और पुलिस अपने ही किसी सहकर्मी को बचाने का प्रयास कर रही है | पीड़ित परिवार पर एक बड़ा दबाब डालकर मानाने का प्रयास पुलिस द्वारा किया जा रहा है |