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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दैनिक भास्कर अखबार का नाम लेकर कहा, इससे मीडिया का करेक्टर जाहिर होता है।

सचिन पायलट की ओर इशारा करते हुए कहा-आने वाले ही बताएंगे, किन हालातों में गए थे।

मुझे निकम्मा, गद्दार, नकारा और धोखेबाज कहना दुर्भाग्यपूर्ण-सचिन पायलट।

कांग्रेस में लोकतंत्र है, इसलिए मेरी शिकायतों को गंभीरता से सुना गया। पूरी ताकत लगाकर अपने लोगों के सम्मान की रक्षा करुंगा-पायलट।

संवाददाता अखिलेश दुबे
 लखनऊ। 10 अगस्त को दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के साथ समझौता होने के बाद 11 अगस्त को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने अपने अंदाज से बयान दिए हैं। पायलट ने जहां फर्राटेदार अंग्रेजी में सीएनएन न्यूज 18 चैनल पर इंटरव्यू दिया, वहीं सीएम गहलोत ने जैसलमेर की उड़ान भरने से पहले जयपुर में कार में बैठे बैठे ही अपने मन की बात की। पहले बात पायलट के इंटरव्यू की। सब जानते हैं कि पायलट के अंग्रेजी में बोलने पर गहलोत ने मजाक उड़ाया था, लेकिन समझौते के बाद पायलट ने पहला इंटरव्यू अंग्रेजी के सीएनएन न्यूज चैनल को ही दिया। चैनल की एंकर पल्लवी घोष के सवाल पर पायलट ने कहा कि उन्हें गद्दार, मक्कार, निकम्मा और धोखेबाज कहा जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। पायलट ने याद दिलाया कि 2013 में जब कांग्रेस को 200 में से मात्र 21 सीट मिली थीं, जब उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। भाजपा के शासन में पांच वर्ष मैंने और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया और पुलिस की लाठियां खाईं। लेकिन संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं को कांग्रेस की सरकार बनने पर सम्मान नहीं मिला। कांग्रेस में लोकतंत्र है, इसलिए दिल्ली में हाईकमान ने उनकी शिकायतों को सुना है। पायलट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि प्रदेश् कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री रहते हुए उन पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। सचिन पायलट ने भाजपा के साथ जो सौदेबाजी की उसके सबूत मेरे पास है, सीएम गहलोत के इस आरोप पर पायलट ने कहा कि गहलोत एक वरिष्ठ नेता हैं। मेरा मानना है कि रजनीति में व्यक्तिगत द्वेषता नहीं होनी चाहिए। हमारे बीच विचारों का मतभेद हो सकता है, लेकिन व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं। सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायक मानेसर में हरियाणा की भाजपा सरकार के मेहमान बने हुए हैं के आरोप पर पायलट ने कहा कि मेरे बारे में कांग्रेस हाईकमान को सब पता है। मुझे कोई सफाई देने की जरुरत नहीं है। मैंने जिन मुद्दों को उठाया था, उन पर आज भी कायम हूँ । चूंकि राजस्थान में मेरी शिकायतो को नहीं सुना गया, इसलिए मुझे कुछ विधायकों को लेकर दिल्ली आना पड़ा। पायलट ने अपने इंटरव्यू में स्पष्ट कर दिया कि वे अपने साथियों को सम्मान दिलाने के लिए संघर्ष करते रहेंगे। गहलोत ने कहा किन हालातों में गए वो ही बताएंगे।
11 अगस्त को गहलोत ने कार में बैठे बैठे ही मीडिया से बात की। पायलट की ओर इशारा करते हुए गहलोत ने कहा कि आने वाले ही बताएंगे कि किन हालातों में दिल्ली गए थे। कांग्रेस के विधायकों की बगावत के पीछे गहलोत ने भाजपा का ही हाथ बताया। गहलोत दिल्ली जाने वाले पायलट गुट के विधायकों के साथ भाजपा से मिली भगत का आरोप लगाते रहे, लेकिन जैसलमेर में बैठे अपने समर्थक विधायकों की जमकर प्रशंसा की। गहलोत ने कहा कि मेरे साथ रहने वाला कोई भी विधायक टूटा नहीं। अब मैं ऐसे विधायकों के लिए अभिभावक के तौर पर काम करुंगा। जब तक मैं जिंदा हंू तब तक समर्थक विधायकों की सेवा करुंगा। गहलोत ने कहा कि दिल्ली गए विधायकों ने मेरे प्रति नाराजगी दिखाई है। मैं ऐसे विधायकों की नाराजगी भी दूर करने का प्रयास करुंगा। मैं तो जीवन भर लोगों की नाराजगी ही दूर करता आया हूँ । गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार पूरे पांच वर्ष चलेगी। हर बार की तरह मीडिया पर भी गहलोत ने नाराजगी जताई। गहलोत ने कहा कि मैंने साफ मन से सभी 200 विधायकों को पत्र लिखा था, लेकिन मेरे पत्र को मीडिया में उपयुक्त कवरेज नहीं मिला। भास्कर अखबार ने तो मेर पत्र को भावुक अपील में बदल दिया। मेरी ऐसी फोटो लगाई जिससे मीडिया के करेक्टर केबारे में पता चलता है। भास्कर ने मेरी भावना को ही नहीं समझा। अपने अपने समर्थकों की चिंता गांधी परिवार ने भले ही राजस्थान के राजनीतिक संकट का फिलहाल हल निकाल दिया हो, लेकिन सीएम गहलोत और सचिन पायलट के तेवरों को देखकर नहीं लगता कि समस्या का स्थायी समाधान हुआ है। पायलट को जहां अपने समर्थकों के सम्मान की चिंता है। वहीं अब गहलोत भी अपने 100 विधायकों के हितों की चिंता कर रहे हैं। जयपुर और फिर जैसलमेर की होटलों में रुककर विधायकों ने गहलोत पर बड़ा अहसान किया। अब इस अहसान को गहलोत मरते दम तक चुकाते रहेंगे।

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