हरदोई ।कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन ने हिन्दू विवाहिताओं के पवित्र व्रत-पर्व बरगदाही (वट अमावस्या) को भी प्रभावित किया। चूंकि आज ही पाक रमजान माह की आखिरी जुमे की नमाज़ (अलविदा की नमाज़) भी है, लिहाजा। पुलिस सतर्क रही कि वट अमावस्या की पूजा से कोई ऐसी नजीर नहीं बने, जिससे सवाल खड़े हों, सतर्क पुलिस ने शुक्रवार को अलस्सुबह ही उन स्थानों पर बरगद के पेड़ों को सुरक्षा घेरे में ले लिया, जहां वट अमावस्या पर विवाहिताओं का भारी जमावड़ा हुआ करता था। कई जगहों पर विवाहिताएं निकलीं तो महिला पुलिस ने कहीं समझा-बुझा कर तो कहीं लाठी फटकार कर वापस कर दिया, शहर की भीड़भाड़ से अलग बाहरी जगहों पर विवाहिताएं वट अमावस्या की पूजा करने पहुंचीं तो महिला पुलिस ने सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करवा पूजा होने दी और तुरंत घरों को रवाना कर दिया, हालांकि, हिन्दू मैथालॉजी के जानकार आचार्यों ने ‘आपत्तिकाले मर्यादा नास्ति’ का संदेश देते हुए घर में वट वृक्ष की टहनी की पूजा का विधान बताया था। बहुत बड़ी संख्या में विवाहिताओं ने घर में गमले में बरगद की टहनी रोप पूजा-अर्चना कर अटल सुहाग की कामना की। अब पुलिस के सामने अलविदा की नमाज़ शान्तिपूर्ण सम्पन्न कराने की चुनौती है। हालांकि, मस्जिदों में 05 लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमाज़ अदा करने की इजाज़त है। आम रोजेदारों से घरों में ही नमाज़ अदा करने की अपील मुस्लिम धर्मगुरु कर ही रहे हैं।