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बलरामपुर मे अलपसंख्यक समाज के धर्म गुरुओं के नेतृत्व सैकड़ों नौजवानो ने लगाया नारा

वक्त पड़े तो देंगे जान ,,,यही हमारा है ईमान
पाकिस्तान मुर्दाबाद,,,आतंकवाद मुर्दाबाद,,,इकबाल खान
बलरामपुर ।अल्पसंख्यक समाज के नेतृत्व में पुलवामा के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिये शहर के नौजवानों ने एक रैली निकाली रैली की अगुवाई धर्म गुरु द्वारा की गई जो शहर के मुख्य मार्गो से होती हुई वीर विनय चौराहे पर समाप्त हुई।रैली मे पुलवामा मे हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले के खिलाफ पूरे भारत मे देशवासी अब आरपार की लड़ाई की मांग कर आतंकवादियो को तबाह बरबाद करने की पुरज़ोर मांग किया गया। पुलवामा हमले के खिलाफ वीर विनय चौराहे पर सैकड़ों लोगो ने आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन कर आतंकवाद का पुत्ला जलाया। प्रदर्शन मे शामिल लोगो ने आतंकवाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा कर आतंकवाद का विरोध किया। प्रदर्शन नेतृत्व कर रहे ने सैयद साहब ने बताया कि तंजीम की तरफ से यूएनओ को पत्र भेज कर हम लोगो ने मांग की है कि जिस तरह से इराक और अफगानिस्तान मे यूएनओ ने अपनी सेना भेज कर आतंकवाद का सफाया किया उसी तरह से अब यूएनओ अपनी सेना को भारत की सेना के साथ पाकिस्तान भेजे और पाकिस्तान मे छुपे आतंकियो को मार गिराए । भारत सरकार के माध्यम से यूएनओ को भेजे गए पत्र मे कहा गया है कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए गम्भीर खतरा है। प्रदर्शनकारियो को सम्बोधित करते हुए ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतकवादियो ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा मे जिस तरह से कायराना हमला करते हुए सीआरपीएफ के सपूतो को शहीद किया है वो इन्सानियत की नज़र मे अज़ीम गुनाह है . उन्होने कहा कि पूरा देश इस समय आतंकवाद के विरोध मे खड़ा है सरकार को अब निर्णायक कदम उठाते हुए आतंकवाद को जड़ से खत्म करना चाहिए। कि हमले मे शहीद हुए वीर सपूतो के दुखी परिवारो के दुख मे पूरा भारत शरीक है ।पाकिस्तान को अब करारा जवाब देकर उसे उसकी हैसियत बता देना चाहिए क्यूंकि पाकिस्तान आतंकवादियो को सरक्षण देने के लिए पूरी दुनिया मे पहचाना जाता है।भविष्य मे इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए भारत सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। प्रदर्शन मे क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोगो के अलावा कई मौलानाओ ने भी शिरकत की।नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि शाबान अली ने कहा कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले मानवता के खिलाफ है हम इस आतंकी हमले की कठोर शब्दों में निन्दा करते हुए दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की मांग की उन्होने कहा कि मजहब-ए- इस्लाम हर प्रकार के आतंक, जुल्म जायदती के खिलाफ रहा है। अल्लाह ने अपनी पवित्र पुस्तक कुरआन में कहा है कि ‘‘ जो व्यक्ति किसी भी निर्दोष व्यक्ति की हत्या करता है वह ऐसा है जैसे कि उसने पूरी मानवता की हत्या की’’ उन्होने कहा कि 3 मार्च 2006 को सबसे पहले दारूल उलूम फरंगी महल से आतंकवाद के विरोध फतवा जारी करके इस बात को पूरे विश्व के सामने उजागर कर दिया था। इस अवसर पर उन्होने सरकार से मांग कि कश्मीर के मसले को कश्मीरी आवाम, राजनैतिक लीडर, धार्मिक धर्म गुरूओं और सामाजिक संगठनों केे साथ में बैठाकर इस मसले का हल तलाश करे। मौलाना ने जुमे की नमाज में देश से आतंकवाद के अन्त के लिए और जम्मू कशमीर समेत पूरे देश की रक्षा के लिए विशेष दुआ की नमाज के बाद एक विरोध प्रदर्शन हुआ जिसमें विभिन्न धर्म के धर्म गुरूओं ने शिरकत की। प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि पिछले 30 सालों से हमारे देश पर मुसलसल आतंकी हमले हो रहे है और सरकारें सिर्फ कठोर कार्यवाही का भरोसा दिलती है लेकिन अब वक्त आ चुका है कि कठोर से कठोर कार्यवाही सुनिश्चित किया जाये।कि हमारा सिक्ख समाज सी0आर0पी0एफ0 के जवानो के शहीद होने पर बहुत दुखी है। ईसाई धर्म के धर्म गुरू फादर डोनाल्ड डिसोदा ने कहा कि हम विभिन्न धर्म गुरूओं का यहाँ पर आना इस बात का सुबूत है कि हम सब लोग मिलकर अपने देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार है और देश पर किसी भी प्रकार के हमले को बर्दाशत नही करेंगे। इस रैली में सैकड़ों की संख्या में अल्पसंख्यक समाज के लोग मौजूद रहे।

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