Home > राष्ट्रीय समाचार > अवैध निर्माण सील किया गया व गोल्डन सिटी में अवैध निर्माण पर चला बुल्डोजर आखिर इन अवैध निर्माणों के लिएं जिम्मंदार कौन ?

अवैध निर्माण सील किया गया व गोल्डन सिटी में अवैध निर्माण पर चला बुल्डोजर आखिर इन अवैध निर्माणों के लिएं जिम्मंदार कौन ?

अधिकारी या सुपरवाईजर्स, प्रधिकरण के दोषी कर्मचारियोंके खिलाफ क्यों नही हुई कार्यवाही ? लखनऊ। शहर में हो रहे अवैध निर्माणों को सील करने की प्रभावी कार्यवाही करने के आदेश तथा जिन अवैध निर्माणों के विरूद्ध पूर्व में विहित प्राधिकारी द्वारा ध्वस्तीकरण के आदेश पारित किये गये हैं। उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। उक्त आदेश के अनुपालन में थाना रायबरेली रोड क्षेत्र के अन्तर्गत सुमित कुमार रावत पुत्र सुरेश रावत द्वारा लेकव्यू अपार्टमेण्ट के सामने, रायबरेली रोड, पी.जी.आई., लखनऊ पर लगभग 100.00 वर्गमीटर क्षेत्रफल के पुराने भवन को तोड़ कर नया निर्माण कार्य कराया जा रहा था। उक्त स्थल पर किये जा रहे अवैध निर्माण के विरूद्ध उ.प्र. नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत वाद संख्या 17/2020 योजित किया गया। वादी द्वारा स्वीकृत मानचित्र न दिखाये जाने तथा किये गये अवैध निर्माण को  ऋतु सुहास-संयुक्त सचिव-विहित प्राधिकारी महोदया द्वारा दिनांक 19.06.2020 को स्थल को सील करने के आदेश पारित किये गये। पारित आदेषों के अनुपालन में  दिनांक 26.06.2020 को श्री कमलजीत सिंह अधिषासी अभियन्ता के नेतृत्व में क्षेत्रीय थाना पुलिस बल, प्राधिकरण पुलिस बल, सहायक अभियन्ता एवं अवर अभियन्ता के सहयोग से सीलिंग की कार्यवाही की गयी। लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा  सरोजनीनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत अलीनगर सुन्हरा में 100 बीघा भूमि पर अनियोजित ढ़ग से विकसित किये जा रहे भूखण्डो पर निर्मित किये गये अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही जारी रही। विहित प्राधिकारी  ऋतु सुहास के दिशा-निर्देश न में  कमलजीत सिंह अधिषासी अभियन्ता के नेतृत्व में क्षेत्रीय थाना पुलिस बल के साथ प्राधिकरण पुलिस बल, सहायक अभियन्ता श्री पी0के0 श्रीवास्तव, अवर अभियन्ता श्री चमन त्यागी,विनोद शंकर सिंह व क्षेत्रीय सुपरवाइजरों के अथक प्रयास से की गयी। गौरतलब यह है कि जब इस प्रकार के अवैध निर्माण हो रहे होते है उस समय सुपरविजर्स भी जिम्मेदार नहीं है जिनके संरक्षण में बहुमंजिला अवैध इमारतें अवैध निर्माण होकर खड़ी हो जाती है और बाद में इन अवैध निर्माणों को प्राधिकरण अपनी शक्ति का प्रयोग कर तुड़वा देता है। क्या इस शक्ति का प्रयोग जब अवैध निर्माण शुरू होते है उस समय नहीं किया जा सकता है। यह एक गंभीर विषय है इस पर प्राधिकरण के मुखिया को एक ठोस निर्णय लेकर अवर अभियंता और सुपरविजर्स की जिम्मेदारी निश्चित करनी चाहिए। अब देखना यह है कि उन कर्मचारियों के खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुखिया क्या कारवाही करते है जिनके संरक्षण में उक्त अवैध निर्माण हुए है और भूमाफियाओं द्रारा कब्जाकर सरकारी जमीन का दुरपयोग करने का प्रयास किया जा रहा था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *